Madhya Pradesh सरकार ने कोरोना से हताहत परिवारों को बड़ी राहत प्रदान की है। सरकार ने मृत्यु प्रमाण पत्र में मौत का कारण कोरोना नहीं लिखे होने पर भी महामारी से मौत के शिकार हुए लोगों के परिवार को 50 हजार रुपये की अनुग्रह राशि देने का फैसला किया है। राज्य सरकार ने इस बारे में रविवार को आदेश जारी किया है। देश में कोरोना से पहली मौत की अवधि से महामारी से हुई सभी मौत के मामलों को योजना में शामिल किया गया है। जो लोग RTPCR और रैपिड एंटीजन टेस्ट में पॉजिटिव पाये गये हों और उसके बाद उनकी मौत हुई तथा ऐसे लोग जिनकी उपचार के दौरान मौत हुई हो या दो डॉक्टर पुष्टि करें कि मौत की वजह कोरोना थी तो ऐसे लोगों के परिजनों को 50 हजार रुपये की अनुग्रह राशि मिलेगी।
आपदा प्रबंधन प्राधिकरण लेगा अंतिम निर्णय
दावेदार परिवार को उनके जिले के कलेक्टर को आवेदन करना होगा। कलेक्टरों को आवेदनों का निपटारा 30 दिनों में करने का आदेश दिया गया है। जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण को अंतिम निर्णय का अधिकार दिया गया है।
बता दें कि पूर्व में मृत्यु प्रमाण पत्र में कोरोना कारण होने पर ही अनुग्रह राशि देने का प्रावधान था। इस वजह से पीड़ित परिवार बुरी तरह परेशान थे। राज्य में बड़ी संख्या में कोरोना से मौतें दर्ज हुई हैं। इस नये आदेश के बाद अनुग्रह राशि लेना आसान हो गया है।
सुप्रीम कोर्ट ने कोरोना के मुआवजे के मामले में गुजरात सरकार के सचिव को लगाई फटकार
वहीं सुप्रीम कोर्ट ने कोरोना से हुई मौत पर परिजनों को मुआवजा देने के मामले की सुनवाई के दौरान गुजरात सरकार के सचिव को फटकार लगाते हुए कि तल्ख टिप्पणी की। कोर्ट ने कहा कि आपके मुख्यमंत्री को कुछ नहीं पता? कोर्ट ने प्रदेश सरकार के मुआवजा देने के मामले पर निराशा जाहिर करते हुए कहा कि यह देरी करने का सिर्फ एक नौकरशाही प्रयास मात्र है। सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि आप जल्द मुआवजा दें अन्यथा यह जिम्मा लीगल सर्विस ऑथोरिटी को सौंप दिया जाएगा। साथ ही कोर्ट ने प्रदेश सरकार से कहा कि SG के साथ बैठ कर मुआवजा देने की प्रक्रिया को सरल बनाएं। कोर्ट इस मामले पर 26 नवंबर को सुनवाई करेगा। तब तक प्रदेश सरकार को मुआवजा देने की प्रक्रिया को सरल बनाने को कहा गया है।
दरअसल गौरव बंसल ने कोरोना से होने वाली मौत पर परिजनों को मुआवजा मिलने के मामले में गुजरात के लोगों को आ रही दिक्कतों को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की। उन्होंने कोर्ट को यह बताया कि कोविड से होने वाली मौत के मुआवजा के लिए प्रमाणपत्र जारी करने के लिए सुप्रीम कोर्ट द्वारा पहले ही घोषित किए गए है। लेकिन गुजरात सरकार ने कोविड से मरने वालों के प्रमाण पत्र जारी करने के लिए एक नई समिति बनाई है। जिसके बाद ही प्रमाण पत्र जारी किया जाएगा और तब जाकर उन्हें मुआवजा मिलेगा। इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की गई है।
यह भी पढ़ें: Madhya Pradesh: क्या है जल महोत्सव जिसकी शुरुआत सीएम Shivraj Singh Chauhan ने की?