Police ने शख्स पर 23 सालों में दर्ज किए 49 मुकदमे, अधिकतर में हुआ बरी; पुलिस ने HC में आरोप को बताया निराधार

0
376
Muzaffarnagar, Police, High Court, SSP,

Muzaffarnagar के कटौली थाने की Police द्वारा एक व्यक्ति पर 23 सालों में 49 फर्जी मुकदमे दर्ज करने के मामले में DGP यूपी और SSP मुजफ्फनगर मंंगलवार को Allahabad High Court में पेश हुए। अधिकारियों की तरफ से हलफनामा दाखिल कर बताया गया कि याची द्वारा किए जा रहे दावे सही नहीं हैं। याचिका में जो कहा गया है और समर्थन में जो कागजात लगाए गए हैं, उनमें विरोधाभास है।

अदालत ने याची से मांगा जवाब

अधिकारियों के बयान के आधार पर कोर्ट ने याची के अधिवक्ता को जवाब दाखिल करने का समय दिया है। कोर्ट ने अगली सुनवाई पर डीजीपी को पेश होने से छूट दे दी है। प्रदेश सरकार का पक्ष रख रहे अपर महाधिवक्ता मनीष गोयल ने कोर्ट को बताया कि याची ने ‌जिन मुकदमों में खुद को बरी बताया है दरअसल उनमें वो सजायाफ्ता है। यह बाते याचिका में लगाए गए दस्तावेजों से ही यह पता चलता है। फर्जी मुकदमे दाखिल करने की बात मनगंढ़त है।
इससे पूर्व कोर्ट ने फर्जी मुकदमों की बात पर सख्त रुख अपनाते हुए डीजीपी और एसएसपी मुजफ्फनगर को तलब किया था।

जीवन पर लगे दाग मुआवजे से धुल नहीं सकते: कोर्ट

कोर्ट ने कहा था कि यह केवल जमानत का मसला नहीं है। बल्कि अनुशासित पुलिस की कार्यप्रणाली को लेकर उठे सवालों के जवाब का है। कोर्ट ने कहा था कि हर आदमी के जीवन की कीमत एक बराबर है। बीता दिन लौट कर वापस नहीं आता। जीवन पर लगे दाग मुआवजे से धुल नहीं सकते। कोर्ट ने कहा था पिछले 23सालों में पुलिस ने याची पर 49आपराधिक केस दर्ज किये। अधिकांश में वह बरी हो गया। कुछ में पुलिस ने गलती से शामिल होना मानते हुए वापस ले लिया। मानवाधिकार आयोग ने भी पुलिस पर याची के पक्ष में दस हजार रुपए का हर्जाना भी लगाया। केस में फंसाने का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा। इसलिए दोनों शीर्ष अधिकारी अदालत में हाजिर हो।

यह आदेश न्यायमूर्ति विवेक कुमार सिंह ने गौरव उर्फ गौरा की जमानत अर्जी पर दिया है। कोर्ट के निर्देश पर याची का आपराधिक केस चार्ट पेश किया गया। जिससे एक ही थाने कटौली में 49केस दर्ज होने का खुलासा हुआ है। याची का दावा था कि 45मामलो में से 11मे बरी हो चुका है। 9 केस पुलिस ने वापस ले लिया। 2 में गलती से शामिल किया गया है। एक केस में एनएसए लगाया है। जो रद्द हो चुका है। 21केस में जमानत पर हैं। एक में अग्रिम जमानत मिली है। बताते चलें कि याची व उसकी पत्नी ने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग को फ़र्जी केस में फंसाने की शिकायत की थी। जिसकी जांच के बाद पुलिस पर हर्जाना लगाया गया था। फिलहाल पुलिस की तरफ से याची की कहानी को मनगढ़ंत करार दिया है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here