Chaitra Navratri 2023: देवी कुष्‍मांडा के व्रत और पूजन और होता है भय का नाश, आरोग्‍य में वृद्धि

Chaitra Navratri 2023: शास्‍त्रों के अनुसार माता कुष्मांडा के दिव्य रूप को मालपुए का भोग लगाकर किसी भी दुर्गा मंदिर में ब्राह्मणों को इसका प्रसाद देना चाहिए।

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Chaitra Navratri top news on devi kushmanda
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Chaitra Navratri 2023: चैत्र नवरात्रि के चौथे दिन देवी कुष्‍मांडा की पूजा-अर्चना की गई।दिल्‍ली-एनसीआर के मंदिरों में सुबह से ही भक्‍तों की भीड़ उमड़ी।
भक्‍तों ने देवी की पूजा कर समृद्धि का वरदान मांगा।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार देवी कुष्मांडा के प्रभाव से ही ब्रह्मांड की उत्पति हुई थी। ऐसी धार्मिक मान्यता है की मां कुष्मांडा का निवास सूर्य मंडल के भीतर के लोक में है।उनका तेज सूर्य के समान है।इनके तेज से दसों दिशाएं प्रकाशमान हैं। ब्रह्मांड के सभी वस्तुओं और प्राणियों में उपस्थित तेज मां कुष्मांडा के प्रभाव से ही है।
मां कुष्मांडा की सम्पूर्ण श्रद्धा और भक्ति के साथ आराधना और स्तुति से आयु, यश, बल और आरोग्य की बृद्धि होती है।

Chaitra Navratri 2023: मालपुए का भोग लगाएं

Chaitra Navratri 2023:शास्‍त्रों के अनुसार माता कुष्मांडा के दिव्य रूप को मालपुए का भोग लगाकर किसी भी दुर्गा मंदिर में ब्राह्मणों को इसका प्रसाद देना चाहिए। इससे देवी की कृपा स्वरूप उनके भक्तों को ज्ञान की प्राप्ति होती है। बुद्धि और कौशल का विकास होता है।देवी को लाल वस्त्र, लाल पुष्प, लाल चूड़ी भी अर्पित करना चाहिए। मां योग-ध्यान की देवी भी मानी जाती हैं।

देवी का यह स्वरूप अन्नपूर्णा का भी है। उदराग्नि को शांत करती हैं। पूजन के बाद देवी के मंत्र का जाप करें।ऐसी मान्‍यता है कि देवी कूष्मांडा को प्रसन्‍न करने के लिए कुष्मांड यानी कुम्हड़े कद्दू की बली दी जाती है। इसकी बली से हर तरह की परेशानियां दूर हो जाती हैं।

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