Chaitra Navratri 2023: चैत्र नवरात्रि के तीसरे दिन देवी चंद्रघंटा के स्‍वरूप की पूजा, यश, कीर्ति और सौभाग्‍य देंगी माता

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Chaitra Navratri 2023 top news
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Chaitra Navratri 2023: चैत्र नवरात्रि के तीसरे दिन देवी के चंद्रघंटा स्‍वरूप की पूजा की होती है।ऐसी मान्‍यता है कि नवरात्रि में मां चंद्रघंटा की पूजा-अर्चना करने से व्‍यक्‍ति में आत्‍मविश्‍वास बढ़ने के साथ ही मंगल दोष भी समाप्‍त हो जाते हैं।सभी विघ्‍नों को हरने वालीं देवी चंद्रघंटा अपने भक्‍तों को यश, आयु, सौभाग्‍य और सुख प्रदान करतीं हैं। इसके साथ ही साथ शरीर के सभी दुखों का भी पूर्णत नाश होता है।
चैत्र नवरात्रि के तीसरे दिन शुक्रवार को मंदिरों में भक्‍तों की भारी भीड़ उमड़ पड़ी। कालका जी मंदिर, वैष्‍णो देवी मंदिर, सनातन धर्म मंदिर, झंडेवालान मंदिर और छतरपुर मंदिर में सुबह से भक्‍तों का तांता लगना शुरू हो गया था।भक्‍तों ने देवी के जयकारे लगाए और सुख-शांति की कामना की।

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Chaitra Navratri 2023: यहां जानिए देवी चंद्रघंटा के स्‍वरूप की महिमा

Chaitra Navratri 2023: देवी चंद्रघंटा सिंह वाहन पर सवार होती हैं।इनकी दस भुजाएं और तीन नेत्र हैं। आठ हाथों में खडग, बाण आदि दिव्‍य अस्‍त्र सुशोभित हैं। माता रानी अपने दोनों हाथों से भक्‍तों को आशीष देती हैं।ऐसी मान्‍यता है कि देवी के घंटे की प्रचंड ध्‍वनि से भयानक असुरों का नाश होता है। इस दिन गाय के दूध का प्रसाद चढ़ाने का विशेषतौर पर विधान होता है। इससे जातक के हर दुखों का शीघ्र ही अंत हो जाता है।

Chaitra Navratri 2023: जानिए पूजा का मुहूर्त

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Devi Chandraghanta.

Chaitra Navratri 2023: दैनिक पंचांग के अनुसाा आम सर्वार्थ सिद्धि योग सुबह 6 बजकर 21 मिनट से दोपहर 1 बजकर 22 मिनट तक रहेगा। तत्‍पश्‍चात अभिजीत मूहूर्त दोपहर 12.03 मिनट से 12.52 मिनट तक रहेगा। इस दौरान आप देवी चंद्रघंटा की पूजा कर सकते हैं।

इस मंत्र का करें जाप

बीज मंत्र: ऐं श्रीं शक्तयै नमः
पूजा मंत्र: ओम देवी चन्द्रघण्टायै नमः
स्तुति मंत्र: या देवी सर्वभूतेषु मां चंद्रघंटा रूपेण संस्थिता।नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।

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