बीस साल की एक युवती ने अपने लिए बेहतर भविष्य की तलाश में राजस्थान की एक अदालत में शरण ली है. युवती की शादी महज ढाई साल की उम्र में कर दी गई थी।

समता जब केवल ढाई साल की थी की थी तब उसकी शादी 2003 में जोधपुर जिले के ओसियां तहसील में हुई थी। उसके ससुराल वाले लगातार उस पर उनके घर आकर रहने का दबाव बना रहे हैं, लेकिन समता इस बात का विरोध करती रही है।

तंग आकर समता ने अदालत की शरण ली और जोधपुर के पारिवारिक न्यायालय-1 में अपने बाल विवाह को रद्द करने का अनुरोध किया। शिकायत के आधार पर, न्यायाधीश महेंद्र कुमार सिंघल ने 23 नवंबर को समता के पति को समन भेजा है।

समता ने बताया की बाल विवाह उसके लिए अस्वीकार्य है और वह अपने उज्‍जवल भविष्य के लिए आगे पढ़ाई करना चाहती है ।

डॉ. कृति भारती की मदद से समता ने जोधपुर परिवार न्यायालय-1 में बाल विवाह को रद्द करने के लिए मुकदमा दायर किया है। प्रारंभिक सुनवाई के बाद, परिवार न्यायालय-1 के न्यायाधीश महेंद्र कुमार सिंघल ने उसके पति को तलब किया है।

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