कहते हैं कि अगर कुछ कर गुजरने का इरादा हो तो कोई भी चीज़ आपके रास्ते में रुकावट नहीं बनती. ऐसा ही एक 8 साल के बच्चे ने साबित किया है कि उसके पढ़ने की इच्छाशक्ति के रास्ते में गरीबी की कोई जगह नहीं है। आज हम आपको  एक ऐसे बच्चे के बारे में बताने जा रहे हैं जिसमें पढ़ने की ललक इतनी है कि वो खुद तो पढ़ता ही है, साथ ही अपने दोस्तों को भी पढ़ाता है.चलिए बताते हैं इस बच्चे के बारे में कुछ बातें।

8 साल का सौरभ ग्रेटर नोएडा के डेल्टा-1 में बनी झुग्गियों में रहता है। सौरभ को पढ़ने और पढ़ाने का बहुत शौक है इसलिए वह खुद तो सुबह उठकर पढ़ता ही है, अपने दोस्तों को भी जगा देता है, ताकि उन्हें भी पढ़ा सके।

सौरभ ग्रेटर नोएडा में अपना स्कूल में क्लास तीन की पढ़ाई कर रहा है। उसे पढ़ाई का बेहद शौक है। 8 साल का सौरभ अपने माता-पिता के साथ फुटपाथ पर रहता है। डेल्टा-1 मेट्रो स्टेशन पर सुबह 7 बजे बच्चों को पढ़ाने के लिए एक टीचर आती हैं। सौरभ की मां शारदा और पिता भजन लाल मजदूरी कर खर्च चलाते हैं। उसके दो भाई बहन हैं। उसकी माता ने बताया कि वह सुबह जल्द ही उठकर आसपास की झुग्गियों में रहने वाले बच्चों को भी पढ़ाने के लिए उठाता है।

जब कई बार टीचर को आने में देर हो जाती है, लेकिन इसके बाद भी वह अपने दोस्तों को साथ लेकर यहां बैठकर पढ़ता रहता है। गरीब बच्चों के लिए निशुल्क किताबें बांटने वाले बुक बैंक के संस्थापक राघवेंद्र कुमार ने एक कार्यक्रम का सौरभ से उद्घाटन भी करवाया था।

बता दें कि ग्रेनो के सेक्टर गामा-1 में रहनी वालीं अपना स्कूल की संस्थापिका ऊषा पिछले आठ साल से झुग्गियों में रहने वाले बच्चों को पढ़ा रही हैं। उन्होंने बताया कि आर्थिक रूप से कमजोर और झुग्गियों में रहने वाले लोग बच्चों को पैसे के लालच में दूसरे रास्ते पर उतारने लगते हैं। इसी को देखते हुए मैंने इन्हें पढ़ाना शुरू कर दिया।

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