भारतीय रेलवे ने देश से सभी मानवरहित रेलवे क्रॉसिंग को खत्म कर दिया है। बता दें रेलवे क्रॉसिंग रेल हादसों का प्रमुख कारण बनी हुई थी लेकिन अब इन्हें पूरी तरह खत्म हो चुकी हैं। रेलवे ने इलाहाबाद मंडल की एक अंतिम क्रॉसिंग की याद में वहां एक पत्थर लगाया गया है।
A plaque commemorates the last unmanned railway crossing. RIP. Om Shanti. pic.twitter.com/sjHdRvAVFM
— Anuj Gupta (@anujg) January 31, 2019
रेलवे के इलाहाबाद मंडल की ओर से लगाए गए इस पत्थर पर लिखा है, ‘आज दिनांक 31-01-2019 को इलाहाबाद मंडल के चुनार-चोपन रेलखंड के मानव रहित रेलखंड सं. 28-सी को बंद किया गया। यह भारतीय रेल के ब्रॉड गेज तंत्र के उन 4605 समपारों में से अंतिम मानवरहित समपार है, जो भारतीय रेलवे ने अपने अथक प्रयासों से पिछले 15 महीनों में हटाए हैं।’
आज महामहिम राष्ट्रपति जी ने अपने अभिभाषण में कहा कि देश मे मानवरहित क्रासिंग लगभग समाप्त हो गयी हैं, मुझे यह बताते हुए गर्व हो रहा है कि आज शाम देश की आखिरी मानवरहित क्रासिंग भी समाप्त कर दी गई है। सुरक्षा की दृष्टि से यह बड़ी उपलब्धि है जिसे रेलवे के मेरे साथियों ने संभव बनाया। https://t.co/OQyTC21RYQ
— Piyush Goyal (@PiyushGoyal) January 31, 2019
बता दें कि 2014-2015 में मानवरहित फाटकों पर विभिन्न घटनाओं में 130 लोगों की जान चली गई थी। 2015-16 में ऐसे फाटकों पर 58 लोगों और 2016-17 में 40 लोगों की मौतें हुईं। 2017-2018 में 26 लोग ऐसे फाटकों पर अपनी जान गंवा बैठे, जबकि पहली अप्रैल, 2018 से 15 दिसंबर, 2018 तक 16 लोग मारे गए थे, उनमें 13 लोग कुशीनगर हादसे में मारे गए, जिनमें ज्यादातर बच्चे थे।
पिछले साल अप्रैल में हुए कुशीनगर हादसे के बाद ही रेल मंत्री पीयूष गोयल ने सभी मानवरहित फाटकों को खत्म करने की समय सीमा 2020 से घटाकर सितंबर, 2019 कर दी थी। ऐसा आखिरी मानव रहित फाटक उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद मंडल में ही बचा था जिसे स्थानीय लोगों के प्रतिरोध के कारण खत्म नहीं किया जा सका था।