ज्ञानवापी मामले पर मुस्लिम पक्ष को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका, जारी रहेगा ASI का सर्वे

Gyanvapi Survey: सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाई कोर्ट के फैसले को बरकरार रखते हुए मुस्लिम पक्ष की दलील खारिज कर दी है...

0
46
Supreme Court on Gyanvapi Survey
Supreme Court on Gyanvapi Survey

Gyanvapi Survey: वाराणसी के ज्ञानवापी परिसर में भारतीय पुरातात्विक सर्वेक्षण (ASI) के सर्वे को लेकर मुस्लिम पक्ष को सुप्रीम कोर्ट से भी राहत नहीं मिली है। सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाई कोर्ट के फैसले को बरकरार रखते हुए मुस्लिम पक्ष की दलील खारिज कर दी है।

बता दें, इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश को सही ठहराते हुए सुप्रीम कोर्ट ने एएसआई सर्वे को हरी झंडी दे दी है। कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए कहा कि एएसआई सर्वे से सच सामने आएगा।

गौरतलब है कि भारतीय पुरातात्विक सर्वेक्षण की टीम ने आज शुक्रवार (4 अगस्त) से ज्ञानवापी परिसर में कड़ी सुरक्षा के बीच सर्वे शुरू किया। जिसके बाद जुमे की नमाज को लेकर इसे रोका गया था। वहीं दूसरी ओर इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट पर भी सबकी नजरे टिकी थी। हालांकि अब इस पर फैसला आ गया है।

FotoJet 2023 08 04T161617.805
Gyanvapi Survey

Gyanvapi Survey: “ASI सर्वे से तो साक्ष्य ही सामने आएंगे” -SC

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि एएसआई ने सर्वे में किसी भी स्थान पर नुकसान ना पहुंचने का आश्वासन दिया है। साथ ही कोर्ट ने यह भी कहा कि हाई कोर्ट ने सर्वे की बात कही है, सर्वे से तो साक्ष्य ही सामने आएंगे। ये तो आपके मामले में काम आएगा, इसमें आप हमारा अयोध्या वाला फैसला ही देख लीजिए। हर एक प्रक्रिया को चुनौती नहीं दी जा सकती है।

कोर्ट ने यह भी कहा कि इस सर्वे को सील रखने का आदेश दिया जा सकता है। तब तक के लिए जब तक कि आदेश 7 नियम 11 पर फैसला ना हो जाए। साथ ही, श्रृंगार गौरी की पूजा की मांग वाली याचिका सुनवाई योग्य है या नहीं, इस पर सुप्रीम कोर्ट अगले हफ्ते सुनवाई करेगा। सीजेआई ने कहा कि प्लेसेज ऑफ वरशिप एक्ट पर अभी सुनवाई नही करेंगे।

“पुराने घावों को हरा कर देगा” -मुस्लिम पक्ष

सुनवाई के बीच मस्जिद से जुड़ी समिति ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि पुरानी चीजों को कुरेदना 1991 के उस कानून का उल्लंघन है, जो 1947 में मौजूद धार्मिक स्थलों के चरित्र को बदलने पर रोक लगाता है। समिति ने कहा कि परिसर में एएसआई सर्वे का मकसद इतिहास के उस दौर में जाने जैसा है कि आज से 500 साल पहले क्या हुआ था, यह पुराने दौर घावों को फिर से हरा कर देगा।

मुस्लिम पक्ष के वकील हुजैफा ने कहा कि मस्जिद में फव्वारा के क्षेत्र को संरक्षित करने का आदेश आपने दिया था। इस पर सीजेआई ने कहा कि हमें याद है। हाई कोर्ट ने एएसआई का आश्वासन दर्ज कर रखा है। अब क्या परेशानी है, एएसआई ने कहा है कि कोई नुकसान नहीं होगा। सुप्रीम कोर्ट ने आगे कहा कि हम एएसआई सर्वे के हाई कोर्ट के आदेश में इस स्टेज पर कोई हस्तक्षेप नहीं करेंगे।

यह भी पढ़ें:

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here