Supreme Court: टीएमसी नेता मुकुल रॉय को अयोग्य ठहराने के मामले पर अब अगली सुनवाई 25 फरवरी को होगी। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट पहले भी पश्चिम बंगाल की विधानसभा अध्यक्ष को निर्णय लेने का अनुरोध कर चुका है। इस बाबत सुप्रीम कोर्ट ने कड़ी टिप्पणी करते हुए कहा था,कि अयोग्यता वाली याचिकाओं पर निर्णय लेने में देरी करना विधानसभा अध्यक्षों की प्रवृति रही है।
सुप्रीम कोर्ट ने पश्चिम बंगाल विधानसभा अध्यक्ष से मुकुल रॉय की अयोग्यता पर जल्द निर्णय के लिए कहा। भाजपा के टिकट से चुनाव जीतने वाले मुकुल रॉय अब तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो गए हैं। दरअसल पश्चिम बंगाल विधानसभा के स्पीकर ने अयोग्यता के मामले पर कलकत्ता हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है।
Supreme Court: दो अलग अपीलों पर सुनवाई
इस पूरे मामले में न्यायमूर्ति एल नागेश्वर और न्यायमूर्ति हिमा कोहली की पीठ कलकत्ता उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ विधानसभा अध्यक्ष और विधानसभा के सचिव तथा निर्वाचन अधिकारी द्वारा दायर दो अलग-अलग अपीलों पर सुनवाई कर रही थी। उच्च न्यायालय ने 28 सितंबर को अध्यक्ष से कहा था कि मुकुल रॉय को अयोग्य ठहराने के लिए दायर याचिका पर सात अक्तूबर तक फैसला लें ।
Supreme Court: भाजपा विधायक ने खटखटाया था हाई कोर्ट का दरवाजा
भाजपा विधायक अंबिका रॉय ने कलकत्ता हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाकर मुकुल रॉय को इस आधार पर अयोग्य ठहराने की मांग की थी, कि वे भाजपा से टीएमसी में शामिल हो गए हैं। सुनवाई के दौरान जस्टिस एलएन राव ने कहा था हम अभी नवंबर में हैं, हाई कोर्ट (High Court)का फैसला सितंबर में आया था, तब से क्या हुआ है? क्या स्पीकर ने फैसला पारित कर दिया है? हाईकोर्ट ने सात अक्टूबर तक स्पीकर से आदेश पारित करने को कहा था।पिछले 20-25 वर्षों से ऐसे कई मामले सामने आए हैं जहां अयोग्यता याचिकाओं पर स्पीकर की ओर से फैसले में देरी हुई है. बंगाल विधानसभा स्पीकर के लिए अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा स्पीकर को उचित समय में निर्णय लेने दें। उन्हें सभी पक्षों को सुनना होगा।
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