Supreme Court on NEET PG Exam: सुप्रीम कोर्ट द्वारा NEET PG 2025 परीक्षा को एक ही शिफ्ट में आयोजित करने का फैसला लाखों मेडिकल छात्रों के लिए राहत की खबर है। यह निर्णय परीक्षा की पारदर्शिता और समान अवसर सुनिश्चित करने के उद्देश्य से लिया गया है। इससे पहले की व्यवस्था में परीक्षा दो अलग-अलग शिफ्टों में होती थी, जिससे सवालों के कठिनाई स्तर में अंतर देखा गया।
अब जानिए, इस फैसले से छात्रों को क्या-क्या फायदे मिलेंगे:
1. सभी छात्रों के लिए समान अवसर
अब जब सभी परीक्षार्थी एक ही शिफ्ट में परीक्षा देंगे, तो सभी को एक ही प्रश्नपत्र का सामना करना होगा। इससे कठिनाई स्तर में कोई अंतर नहीं रहेगा और कोई भी छात्र पक्षपात का शिकार नहीं होगा।
2. कठिनाई स्तर में भेदभाव की संभावना खत्म
अलग-अलग शिफ्टों में परीक्षा होने से यह अक्सर देखा गया है कि एक शिफ्ट का पेपर आसान और दूसरे का कठिन होता है। कोर्ट ने इसे असमानता और मनमानी की स्थिति कहा है। अब इस नए निर्णय से सभी छात्रों को एक समान प्रतियोगी माहौल मिलेगा।
3. रैंकिंग और मेरिट लिस्ट ज्यादा निष्पक्ष
एक ही शिफ्ट में परीक्षा होने से रैंकिंग प्रक्रिया अधिक पारदर्शी और निष्पक्ष होगी। इससे छात्रों को भरोसा रहेगा कि उन्हें उनके प्रदर्शन के आधार पर उचित स्थान मिलेगा, न कि पेपर की किस्मत पर।
4. मानसिक तनाव में कमी
दो शिफ्टों में परीक्षा देने वाले छात्रों को अकसर दूसरी शिफ्ट के सवाल कठिन या आसान होने का दबाव रहता है। इससे छात्र मानसिक रूप से असहज महसूस करते हैं। एक शिफ्ट में परीक्षा होने से यह तनाव काफी हद तक खत्म हो जाएगा।
5. कानूनी विवादों और शिकायतों में कमी
अक्सर दो शिफ्टों की परीक्षा के बाद कुछ छात्र कठिनाई स्तर को लेकर याचिकाएं दायर करते हैं। अब इस एकरूपता से ऐसे विवादों की संख्या में कमी आएगी और परीक्षा प्रक्रिया ज्यादा स्थिर और भरोसेमंद बन सकेगी।
सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला NEET PG जैसी प्रतिस्पर्धी और करियर निर्धारक परीक्षा को लेकर एक सकारात्मक और छात्रहित में उठाया गया कदम है। इससे लाखों छात्रों को एक निष्पक्ष, तनावमुक्त और भरोसेमंद परीक्षा माहौल मिलेगा जो उनकी मेहनत और योग्यता का वास्तविक मूल्यांकन सुनिश्चित करेगा।