NEET-AIQ: सुप्रीम कोर्ट ने EWS-OBC मुद्दे की सुनवाई 16 नवंबर तक के लिए की स्थगित, केंद्र ने कहा- फैसला आने तक काउंसलिंग शुरू नहीं होगी

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NEET-AIQ: Supreme Court ने NEET-AIQ में 27% और 10% EWS आरक्षण लागू करने के केंद्र सरकार के फैसले को चुनौती देने वाली NEET उम्मीदवारों द्वारा दायर याचिकाओं के एक बैच की सुनवाई गुरुवार को 16 नवंबर तक के लिए स्थगित कर दी है। न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ (Justices DY Chandrachud), न्यायमूर्ति विक्रम नाथ (Vikram Nath) और न्यायमूर्ति बीवी नागरत्न (BV Nagarathna) की पीठ ने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता के अनुरोध पर सुनवाई स्थगित की है।

केंद्र सरकार की तरफ से सॉलिसिटर जनरल Tushar Mehta ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि सरकार वरिष्ठ अधिकारियों और अधिसूचना तैयार करने वालो के साथ विस्तृत चर्चा कर रही है। सॉलिसिटर जनरल ने भी सुप्रीम कोर्ट के पिछली सुनवाई के आदेश को दोहराते हुए कहा कि जब तक NEET PG की काउंसलिंग के लिए जारी किए गए नोटिफिकेशन की वैधता पर फैसला नहीं हो जाता तक तक काउंसिलिंग नहीं की जाएगी।

MCC के नोटिफिकेशन के खिलाफ याचिकाएं दायर

दरअसल सुप्रीम कोर्ट में केंद्र और चिकित्सा परामर्श समिति (MCC) के 29 जुलाई के नोटिफिकेशन को चुनौती देते हुए कई याचिकाएं दाखिल की गई है। इस नोटिफिकेशन में अखिल भारतीय कोटा के लिए तय 50 प्रतिशत सीटों में से NEET PG मेडिकल प्रवेश परिक्षा OBC के लिए 27 प्रतिशत और EWS के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण देने का प्रावधान किया गया है।

सॉलिसिटर जनरल ने सुप्रीम कोर्ट को जानकारी दी कि केंद्र सरकार ने EWS के लिए 8 लाख रुपये के मानदंड पर न्यायालय द्वारा पूछे गए प्रश्नों का जवाब देते हुए एक जवाबी हलफनामा दायर किया है। उच्‍चतम न्यायालय ने 22 अक्टूबर 2021 को NEET-AIQ में आर्थिक कमजोर वर्गों (EWS) आरक्षण के लिए पात्रता निर्धारित करने के लिए 8 लाख रुपये की वार्षिक आय के मानदंड को अपनाने के फैसले पर कड़े सवाल उठाए थे।

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