हिमाचल के कसौली में टॉउन एंड कंट्री प्लानिंग विभाग की अधिकारी शैल बाला की हत्या के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने हिमाचल प्रदेश सरकार पर नाराजगी जताई है। कोर्ट ने कहा कि महिला अफसर की हत्या बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। सुप्रीम कोर्ट ने 9 मई तक सरकार से कसौली घटना के साथ-साथ राज्य में अवैध निर्माण पर पॉलिसी को लेकर स्टेटस रिपोर्ट मांगी है।

हिमाचल के सोलन जिले में सुप्रीम कोर्ट के आदेशों पर होटलों में हुए अवैध निर्माण गिराने की कार्रवाई के दौरान होटल मालिक द्वारा सहायक टाउन प्लानर की गोली मारकर हत्या करने के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने हिमाचल प्रदेश सरकार पर बड़े सवाल उठाए हैं। जस्टिस मदन बी लोकुर और जस्टिस दीपक गुप्ता की बेंच ने हिमाचल सरकार से कहा कि राज्य में अवैध निर्माणों पर सरकार क्या कर रही है? कानून तोड़ने वालों को प्रोत्साहन नहीं दिया जाना चाहिए। कोर्ट ने कहा कि सरकार की ये सोच नहीं चलेगी कि अवैध निर्माण होता रहे और ये सोचा जाए कि मामला कोर्ट में आने पर देखा जाएगा।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अधिकारी की हत्या कोर्ट के आदेश की वजह से नहीं बल्कि प्रेदश में कानून व्यवस्था के कारण हुई है। बेंच ने राज्य सरकार को कहा है कि वो कसौली में हुई घटना के अलावा राज्य में अवैध निर्माण पर नीति को लेकर स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करें।

वहीं हिमाचल प्रदेश के एडवोकेट जनरल अशोक शर्मा ने बेंच को बताया कि प्रदेश सरकार शैल बाला के परिजनों को सरकार 5 लाख रुपये का मुआवजा देगी। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद सोलन जिले के 13 होटलों के अवैध ढांचे ढहाने के अभियान के वक्त मंगलवार को एक होटल मालिक ने गोली चला दी थी जिसमें शैल बाला की मौत हो गई थी। बुधवार को जस्टिस मदन बी लोकुर और जस्टिस दीपक गुप्ता की बेंच ने मामले पर स्वत: संज्ञान लिया था। मामले की अगली सुनवाई 9 मई को होगी।

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