Allahabad High Court पहुंचा 6 साल से कम उम्र के बच्चों की मुफ्त शिक्षा की मांग का मामला, 6 सप्ताह बाद होगी सुनवाई

याचिकर्ताओं का कहना है कि उनके पास नर्सरी टीचर एजुकेशन ट्रेनिंग सर्टिफिकेट है इसलिए उन्हें नर्सरी विद्यालय में नियुक्ति दी जाए और उन्हें विद्यालयों के सहायक अध्यापकों के समान वेतनमान दिया जाए।

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Allahabad High Court: हाईकोर्ट पंहुचा 6 साल से कम उम्र के बच्चों की मुफ्त शिक्षा की मामला, 6 सप्ताह बाद होगी सुनावाई

Allahabad High Court: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 6 साल से कम उम्र के बच्चों को अनिवार्य एवं नि:शुल्क शिक्षा देने की मांग वाली याचिका पर केंद्र व राज्य सरकार और बेसिक शिक्षा परिषद को नोटिस जारी कर 6 सप्ताह में जवाब देने को कहा है। ऊषा गुप्ता और अन्य की ओर से दाखिल याचिका पर न्यायमूर्ति विवेकर वर्मा ने आदेश दिया है। जनहित याचिका में कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा उन्नीकृष्णन मामले में दिए गए निर्देशों व राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत राज्य सरकार को निर्देश दिया जाए कि राज्य के प्राथमिक विद्यालयों में प्री नर्सरी की शिक्षा भी देने की व्यवस्था करें। जहां इसमें 6 साल से कम आयु के बच्चों को निःशुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा दिए जाने की व्यवस्था करने की मांग की गई है। 

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वहीं याचिकर्ताओं का कहना है कि उनके पास नर्सरी टीचर एजुकेशन ट्रेनिंग सर्टिफिकेट हैं इसलिए उन्हें नर्सरी विद्यालय में नियुक्ति दी जाए और उन्हें विद्यालयों के सहायक अध्यापकों के समान वेतनमान दिया जाए। अब इस याचिका पर हाईकोर्ट में सुनवाई होगी।

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Allahabad High Court: 6 सप्ताह बाद होगी सुनवाई

आपको बता दें कि 6 से 14 साल के सभी बच्चों को मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा देने के उद्देश्य से 1 अप्रैल 2010 को केंद्र सरकार ने शिक्षा का अधिकार अधिनियम बनाया। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने इस अपनी मुहर लगाते हुए पूरे देश में लागू करने का आदेश दिया। इस अधिनियम के अंतर्गत देश के हर बच्चे को शिक्षा प्राप्त करने का संवैधानिक अधिकार मिला है। प्रत्येक बच्चा पहली से 8वीं तक मुफ्त और अनिवार्य रूप से पढ़ सकेगा। उसे अपने आसपास के स्कूल में प्रवेश लेने का अधिकार है।

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