CJI NV Ramana ने अपने कार्यकाल के आखिरी दिन ‘I am sorry’ क्यों कहा?

न्यायाधीश ने कहा कि कोरोना काल के दौरान एक समय शीर्ष अदालत के 500 कर्मचारी एक दिन में कोविड-19 से संक्रमित मिले थे जो कि एक भयावह स्थिति थी। उन्होंने अपने कर्मचारियों के लिए कहा कि आप सभी ने घातक महामारी के दौरान अपनी जान जोखिम में डालकर काम किया है।

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CJI NV Ramana ने अपने कार्यकाल के आखिरी दिन 'I am sorry' क्यों कहा?
CJI NV Ramana ने अपने कार्यकाल के आखिरी दिन 'I am sorry' क्यों कहा?

CJI NV Ramana: चीफ जस्टिस एनवी रमना के कार्यकाल का आज आखिरी दिन है। इस मौके पर एनवी रमना की अध्यक्षता वाली सेरेमोनियल बेंच के सामने मामलों की लाइव-स्ट्रीमिंग रखी गई थी। लेकिन, इस समारोह के दौरान चीफ जस्टिस एनवी रमना ने अपने कार्यकाल में जल्दी सुनवाई के लिए मुकदमों को सचेत करवाने पर ध्यान केंद्रित न कर पाने के लिए क्षमा मांगी।

CJI एनवी रमणा ने कहा कि ‘I am sorry’…। जस्टिस रमना ने समारोह पीठ को संबोधित करते हुए कहा कि सोलह महीनों में सिर्फ पचास दिन ही प्रभावी और पूर्णकालिक सुनवाई कर पाया हूं। कोविड के कारण कोर्ट में पूरी तरह काम नहीं कर पाया हूं। लेकिन, मेरी पूरी कोशिश रही की सुप्रीम कोर्ट का कामकाज कभी भी हावी न हो।

NV Ramana on Russia-Ukraine War:
CJI NV Ramnaने कहा ‘I am sorry’…

CJI NV Ramana ने की कर्मचारियों के काम की तारीफ

इससे पहले न्यायाधीश एनवी रमना ने कुछ दिन पहले ही मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट के कर्मचारियों के काम की काबिले तारीफ की थी। उन्होंने कहा कि शीर्ष अदालत के कर्मचारी एक बेहद कर्मठ और अदृश्य शक्ति हैं जो न्याय देने में संस्था की मदद करते हैं। न्यायमूर्ति रमना ने कोरोना महामारी के दौरान सर्वोच्च न्यायालय के कर्मचारियों के योगदान की सराहना की।

उच्चतम न्यायालय कर्मचारी कल्याण संघ द्वारा आयोजित सम्मान समारोह में न्यायमूर्ति रमना ने कहा कि पिछले 16 महीनों से भारत के प्रधान न्यायाधीश और आठ वर्ष तक शीर्ष अदालत के न्यायाधीश के रूप में काम करने का उनका अनुभव बहुत बेहतरीन रहा है।

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CJI NV Ramana

CJI NV Ramana ने बताया एक दिन में 500 कर्मचारी कोविड-19 संक्रमित मिले

न्यायाधीश ने आगे कहा था कि कोरोना काल के दौरान एक समय शीर्ष अदालत के 500 कर्मचारी एक दिन में कोविड-19 से संक्रमित मिले थे जो कि एक भयावह स्थिति थी। उन्होंने अपने कर्मचारियों के लिए कहा कि आप सभी ने घातक महामारी के दौरान अपनी जान जोखिम में डालकर काम किया है। आपने यह सुनिश्चित किया कि उच्चतम न्यायालय एक दिन का अवकाश लिए बिना काम करता रहे। यह संस्था के प्रति आपके समर्पण का प्रतीक है। आप सभी को मेरा सलाम है।

न्यायमूर्ति रमना ने आगे कहा कि उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान कर्मचारियों की चिंताओं को दूर करने की पूरी कोशिश की।

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