आधार की अनिवार्यता को लेकर बुधवार (7 मार्च) को सुप्रीम कोर्ट ने महत्वपूर्ण निर्देश दिए हैं। नीट परीक्षा में आधार की अनिवार्यता को सुप्रीम कोर्ट ने खत्म कर दिया है और बैंक खाते, मोबाइल नंबर और सरकारी योजनाओं का फायदा उठाने के लिए आधार से लिंक कराने की समयसीमा को 31 मार्च से आगे बढ़ाने पर जल्द फैसला लेने को कहा है।

सुप्रीम कोर्ट ने आधार पर अपने अंतरिम आदेश में छात्रों को बड़ी राहत दी है। देश की सर्वोच्च अदालत ने नीट और अन्य अखिल भारतीय परीक्षाओं के लिए आधार की अनिवार्यता को खत्म कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि जरूरी होने पर पासपोर्ट, ड्राइविंग लाइसेंस, राशन कार्ड और वोटर आईडी कार्ड जैसे पहचान पत्र दिए जा सकते हैं।

नीट परीक्षा में आधार को अनिवार्य बनाए जाने के खिलाफ दायर याचिका समेत आधार की संवैधानिकता और अनिवार्यता पर चल रही सुनवाई पर सुप्रीम कोर्ट ने ये अंतरिम आदेश पारित किया। इस संबंध में गुजरात हाईकोर्ट में भी याचिका दायर की गई थी लेकिन गुजरात हाईकोर्ट ने इस मामले में रोक लगाने से इंकार कर दिया था।सुनवाई के दौरान केंद्र ने कहा कि हमने CBSE को अधिकृत नहीं किया है कि वो परीक्षा में आधार को जरूरी बनाये। इस पर कोर्ट ने कहा कि हम इस मामले में AG का बयान दर्ज करेंगे और आदेश पारित करेंगे।

आधार की अनिवार्यता पर बहस के दौरान एक बार फिर याचिकाकर्ता की तरफ से आधार को लिंक करने की तारीख 31 मार्च से आगे बढ़ाने की अपील की गई। इस पर SC ने सरकार से कहा है कि वो बैंक खाते, मोबाइल नंबर और सरकारी योजनाओं का फायदा उठाने के लिए आधार से लिंक कराने की समयसीमा को 31 मार्च से आगे बढ़ाने पर जल्द फैसला ले। जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि अगर तारीख बढ़ानी है तो इसे जल्द बढ़ाए, वरना इससे लोगों को परेशानी होगी। कोर्ट ने कहा वित्तीय वर्ष खत्म होने को है और बैंक, स्टॉक एक्सचेंज जैसी वित्तीय संस्थाओं को अनिश्चितता में नहीं रखा जा सकता। इस पर सरकार ने कहा कि वो पूरे आंकड़े का जायजा लेने के बाद फैसला लेगी। मंगलवार (6 मार्च) को हुई सुनवाई के दौरान भी केंद्र ने कहा था वो आधार से लिंक करने की तारीख 31 मार्च से आगे बढ़ा सकती है। मामले पर अगली सुनवाई 13 मार्च को होगी।

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