साल 2007 से 2012 तक उत्तर प्रदेश की सत्ता पर राज करने वाली मायावती के राज में प्रदेश में बड़ा चीनी मिल घोटाला हुआ था। जिसकी जांच योगी सरकार अब कर रही है। इसमे समय के साथ नए खुलासे होते रहते हैं। अब सामने आरही है कि, मायावती के राज में चीनी मिल घोटाले में जमकर लूट मचाने वाले पूर्व एमएलएसी मोहम्मद इकबाल की एक हजार से अधिक संपत्ति को ईडी ने अटैच किया है।

इकबाल के खिलाफ आगे की कार्यवाही जारी है। चीनी मिल घोटाले से जुड़े सभी परतों पर योगी सरकरा काम कर रही है। इस काम को लखनऊ की ईडी टीम ने मुकाम तक पहुंचाया है।

साल 2007-2012 के बीच उत्तर प्रदेश में चीनी मिलों को बेहद ही कम दाम पर बेचा गया था। इसमें 21 से अधिक चीनी मिलों का नाम शामिल है। बाकी मिलों का पता लगाने में योगी सरकार की टीम जुटी है। हालांकि, इस सौदे से मायावती सरकार को 1,179 करोड़ का नुकासान हुआ था।

मामले की जांच सही ढंग से हो सके इसलिए योगी सरकार ने केंद्र को पत्र लिख सीबीआई जांच कराने की मांग की थी, जिसके बाद बीएसपी के पूर्व एमएलसी मोहम्मद इकबाल और उनके परिवार से जुड़ी 1097 करोड़ रुपये की संपत्ति को अटैच किया गया है। बता दें कि, सीबीआई की एफआईआर की अनुसार ईडी पूरी कार्यवाही कर रही है।

पूर्व एमएलसी इकबाल और परिवार के सदस्यों ने 2010-11 के दौरान यूपी सरकार की चीनी मिलों के विनिवेश की बोली प्रक्रिया में दो कंपनियों ने भाग लिया था, इनका नाम नम्रता मार्केटिंग प्रा. लिमिटेड और गिरीशो कंपनी प्रा. लिमिटेड मो है। इन दो कंपनियों के साथ और विभिन्न शेल कंपनियों के माध्यम से 7 चीनी मिलों का अधिग्रहण किया था।जिसमें विभिन्न शेल कंपनियों के डमी निदेशक और फर्जी लेनदेन का पता चला था। ये शुगर मिल्स बाराबंकी, देवरिया, कुशीनगर और बरेली में स्थित हैं।

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