हिंदू धर्म को लेकर Swami Prasad Maurya के वो 5 विवादित बयान जिन्हें सुनकर शायद आपा खो बैठें आप!

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Swami Prasad Maurya: समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव स्वामी प्रसाद मौर्य का विवादों से बड़ा गहरा नाता है! वे अक्सर हिंदू धर्म को लेकर दिए अपने विवादित बयानों से सुर्खियों में बने नजर आते हैं। ऐसे में एक बार फिर उन्होंने हिंदू धर्म के खिलाफ जहर उगलने का काम किया है। अब सपा नेता का कहना है कि हिंदू धर्म कोई धर्म नहीं बल्कि सिर्फ एक धोखा है।

दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम में उन्होंने कहा, “हिंदू एक धोखा है… वेसै भी 1995 में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि हिंदू कोई धर्म नहीं है, यह जीवन जीने की एक शैली है। RSS प्रमुख मोहन भागवत ने भी दो बार कह चुके हैं कि हिंदू नाम का कोई धर्म नहीं है, बल्कि यह जीवन जीने की एक कला है। प्रधानमंत्री मोदी ने भी कहा है कि हिंदू धर्म कोई धर्म नहीं है। जब ये लोग ऐसे बयान देते हैं तो भावनाएं आहत नहीं होतीं लेकिन अगर यही बात स्वामी प्रसाद मौर्य कहते हैं तो पूरे देश में भूचाल मच जाता है।”

हालांकि स्वामी प्रसाद मौर्य के इस बयान को सपा सांसद डिंपल यादव ने उनका निजी बयान बताया और कहा कि पार्टी उनका समर्थन नहीं करती, लेकिन बता दें कि ऐसा पहली बार नहीं है जब स्वामी प्रसाद मौर्य ने हिंदू धर्म को लेकर कोई विवादित बयान दिया है। आईए देखते हैं स्वामी प्रसाद मौर्य के वे 5 विवादित बयान, जिन्हें सुनकर शायद आपका भी खून खौल उठे।

1. जब कर बैठे रामचरितमानस को बैन करने की मांग

सियासत का पारा उस वक्त भी चढ़ गया था जब सपा के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य रामचरितमानस को बैन करने की मांग कर बैठे थे। उन्होंने इसे दलित और महिला विरोधी करार दे दिया था। इसके बाद वे संतो के निशाने पर भी आ गए थे। मामला यहीं नहीं थमा था, लखनऊ में तो रामचरितमानस की प्रतियां भी जलाई गई थी।

2. साधू संतों को बता दिया था आतंकी

सपा नेता की जुबान एक बार ऐसी फिसली थी कि उन्होंने साधू संतों को आतंकी बात दिया था। उन्होंने कहा कि रामचरितमानस पर दिए गए जिस बयान को लेकर साधु संत की तरफ से उनकी जुबान काटने की धमकी दी जा रही है। वे किसी आतंकी से कम नहीं हैं। उनके इस बयान पर भी जमकर सियासत हुई, लेकिन सपा के राष्ट्रीय महासचिव ने थमने का नाम नहीं लिया।

3. ब्राह्मणों को बता दिया था समाज की सभी विषमताओं का कारण

ब्राह्मण समाज को भी स्वामी प्रसाद मौर्य निशाने पर ले चुके हैं। उन्होंने कहा था, “हिंदू धर्म नहीं बल्कि यह ब्राह्मणों द्वारा बनाया गया। ब्राह्मणवाद की जड़ें बहुत गहरी हैं। उन्होंने कहा कि समाज में सभी विषमताओं का कारण भी ब्राह्मण ही हैं। सही मायने में जो ब्राह्मण धर्म है उसी को हिंदू धर्म बताकर देश के दलितों आदिवासियों और पिछड़ों को मकड़जाल में फंसाने की साजिश रची गई।”

4. रामलला की प्राण प्रतिष्ठा को बता दिया था ड्रामा

अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण और रामलला की प्राण प्रतिष्ठा पर भी जहर उगलने से स्वामी प्रसाद मौर्य चूके नहीं। उन्होंने कहा था कि रामलला की प्राण प्रतिष्ठा महज एक ड्रामा है। मौर्य ने कहा कि भगवान राम हजारों साल से पूजनीय हैं और उनकी प्राण प्रतिष्ठा एक ड्रामा है।

5. मंदिरों को लेकर भी बोला था हमला

स्वामी प्रसाद मौर्य मंदिर-मस्जिद के मुद्दे को लेकर भी बीजेपी पर हमला बोल चुके हैं। उहोंने कहा था कि हर मस्जिद में मंदिर खोजने की परंपरा बीजेपी को भारी पड़ेगी। ऐसा करेंगे तो लोग हर मंदिर में बौद्ध मठ खोजेंगे। उन्होंने कहा कि आठवीं सदी की शुरुआत तक बदरीनाथ बौद्ध मठ था। इसके बाद आदि शंकराचार्य ने इसे परिवर्तित करवाकर बदरीनाथ धाम बनाया और हिंदू तीर्थ स्थल के रूप में स्थापित किया था।

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