संसद भवन में इस समय महिला आरक्षण विधेयक पर चर्चा चल रही है। इस अहम मुद्दे पर सभी दल विधेयक का समर्थन कर रहे हैं। बुधवार को कांग्रेस पार्टी की ओर से पार्टी की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी ने सदन में अपनी बात रखी।
सोनिया गांधी ने कहा कि धुएं से भरी हुई रसोई से लेकर रोशनी से जगमगाते स्टेडियम तक स्त्री का सफर बहुत लंबा रहा है। लेकिन उसने आखिरकार मंजिल को छू लिया है। उसने जन्म दिया और परिवार चलाया। उसने पुरुषों के बीच तेज दौड़ लगाई और धीरज के साथ आखिरी बाजी जीती। भारत की स्त्री के हृदय में महासागर जैसा धीरज है। उसने खुद के साथ हुई बेमानी की शिकायत नहीं की। और सिर्फ अपने फायदे के बारे में कभी नहीं सोचा। उसने नदियों की तरह सबकी मदद के लिए काम किया है और मुश्किल वक्त में हिमालय की तरह अडिग रही है। स्त्री के धैर्य का अंदाजा लगाना नामुमकिन है। वह आराम को नहीं पहचानती और थक जाना भी नहीं जानती।
सोनिया गांधी ने कहा कि भारत के निर्माण में स्त्री पुरुष से कंधा से कंधा मिलाकर लड़ी हैं। उन्होंने कहा कि सरोजनी नायडू, सुचेता कृपलानी और अरुणा आसफ अली, विजयलक्ष्मी पंडित, राजकुमारी अमृतकौर से लेकर आज की स्त्रियों ने देश के सपनों को साकार किया। इंदिरा गांधी का व्यक्तित्व एक जिंदा मिसाल है।
कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष ने कहा कि खुद मेरी जिंदगी का एक मार्मिक क्षण है। स्थानीय स्तर पर स्त्रियों को प्रतिनिधित्व देने वाला बिल मेरे जीवनसाथी राजीव जी लाए थे। बाद में कांग्रेस सरकार आई और उसे पारित किया। राजीव गांधी का सपना इस विधेयक के पारित होने से पूरा होगा।
उन्होंने आगे कहा कि भारत की स्त्रियों को और इंतजार क्यों कराया जा रहा है। हम चाहते हैं कि इसे तुरंत लागू किया जाए। साथ ही जातिगत जनगणना कर ओबीसी, एससी और एसटी महिलाओं को आरक्षण दिया जाए।