कौन हैं सपा के एमएलसी Pushpraj Jain, क्यों पड़ा आईटी का छापा? जानिए यहां

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Pushpraj Jain
Samajwadi Party MLC Pushpraj Jain

उत्तर प्रदेश चुनाव 2022 से पहले इनकम टैक्स विभाग काफी सक्रीय है। बीते दिनों गुटखा कारोबारी पीयूष जैन पर शिकंजा कसने के बाद आईटी डिपार्टमेंट आज इत्र के बड़े कारोबारी और समाजवादी पार्टी के एमएलसी Pushpraj Jain के यूपी सहित देश के तमाम अन्य ठिकानों पर सघन छापेमारी कर रही है।

यह छापेमारी पुष्पराज जैन के कानपुर, कन्नौज, हाथरस और नोएडा के अलावा मुंबई, गुजरात और तमिलनाडु में जारी है। छापेमारी की शुरूआत आज तड़के सुबह हुई, जब आईटी डिपार्टमेंट की के करीब 6 अधिकारी दो गाड़ियों में पुष्पराज जैन उर्फ पम्मी के आवास और इत्र फैक्ट्री पर पहुंचे।

सपा ने साल 2016 में Pushpraj Jain को एमएलसी बनाया था

समाजवादी पार्टी ने साल 2016 में पुष्पराज जैन को एमएलसी बनाया था और वह पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव के बेहद करीबी बताये जा रहे हैं। इत्र कारोबारी Pushpraj Jain गुटखा व्यवसायी पीयूष जैन के पड़ोसी हैं, जिनके आवास पर अभी कुछ दिनों पहले ही आईटी के रेड में करोड़ों की नकदी बरामद की गई।

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अखिलेश यादव समाजवादी इत्र लॉन्च करते हुए

पीयूष जैन पर आईटी के छापेमारी को भारतीय जनता पार्टी ने समाजवादी पार्टी से जोड़कर प्रचारित करना शुरू कर दिया। जिसके जवाब में अखिलेश यादव आज खुद कन्नौज में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करने वाले थे। बताया जा रहा है कि होने वाली प्रेस कॉन्फ्रेंस में इत्र कारोबारी और सपा एमएलसी Pushpraj Jain को भी शामिल होना था, लेकिन उससे पहले ही आईटी डिपार्टमेंट ने खेल कर दिया और छापेमारी की कार्रवाई को अंजाम दे दिया।

कौन हैं Pushpraj Jain

पुष्पराज जैन ऊर्फ पम्मी जैन का करोड़ों का पुश्तैनी इत्र व्यापार है। इसके अलावा पुष्पराज जैन के नाम पर पुष्पराज जैन कोल्ड स्टोरेज, पेट्रोल पंप, प्रगति एरोमा, प्रशस्ति एग्रो फार्म प्राइवेट लिमिटेड, प्रशस्ति कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड, प्रशस्ति प्रॉपर्टीज रियलटर्स प्राइवेट लिमिटेड और लवली फ्रेग्नेंसस प्राइवेट लिमिटेड चलते हैं।

पुष्पराज जैन के साल 2016 के चुनावी हलफनामे को देखें तो हमें पता चलता है कि पुष्पराज जैन और उनके परिवार के पास 37.15 करोड़ रुपये की चल संपत्ति और 10.10 करोड़ रुपये की अचल संपत्ति है। Pushpraj Jain को 2016 में इटावा-फर्रुखाबाद से एमएलसी के रूप में चुना गया था।

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पुष्पराज जैन के पिता सवैललाल जैन ने साल 1950 में इत्र का कारोबार शुरू किया था। पुष्पराज और उनके तीन भाई कन्नौज में इत्र सहित अन्य व्यवसाय चलाते हैं और एक ही घर में रहते हैं। एमएलसी पुष्पराज का मुंबई में एक घर और एक कार्यालय है। तीन भाइयों में से दो मुंबई ऑफिस में काम करते हैं जबकि तीसरा पुष्पराज जैन के साथ कन्नौज में ही व्यवसाय में हाथ बंटाता है।

पीयूष जैन पर छापेमारी के बाद पुष्पराज जैन ने कहा था, मेरा कोई संबंध नहीं है उनसे

कन्नौज के रहने वाले पुष्पराज जैन ने पीयूष जैन पर हुई छापेमारी के बाद कहा था, “पीयूष जैन से मेरा कोई लेना-देना नहीं है। हालांकि पीयूष मेरी तरह ही जैन समुदाय से हैं लेकिन उनके खिलाफ छापेमारी से मेरा कोई संबंध नहीं है और वह खुद इस मामले से निपटेंगे।”

Pushpraj Jain पर आईटी की कार्रवाई से समाजवादी पार्टी ने सीधे तौर पर भाजपा के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है और इसे बदले की कार्रवाई बताया जा रहा है।

दरअसल जब आईटी डिपार्टमेंट ने पीयूष जैन के खिलाफ छापेमारी की थी तब पुष्पराज जैन के साथ उनके नाम से लेकर कई अन्य समानताओं के कारण भाजपा ने पीयूष जैन के मामले को समाजवादी पार्टी से जोड़ दिया था, जिसका समाजवादी पार्टी के द्वारा खंडन भी किया गया था।

Pushpraj Jain
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पीयूष जैन और Pushpraj Jain का घर कन्नौज में आसपास ही है। इसके अलावा दोनों जैन के नाम में भी समानताएं हैं। दोनों के नाम का पहला अक्षर (हिंदी और अंग्रेजी में प और पी) से शुरू होता है। इसके अलावा दोनों के उपनाम में ‘जैन’ है। दोनों का कारोबार भी इत्र का है, वैसे पीयूष जैन की पहचना उनके गुटखा कारोबार से ज्यादा है और उनका समाजवादी पार्टी से कोई संबंध नहीं है।

यही कारण था कि आईटी ने जब पीयूष जैन के यहां छापेमारी की तो नाम में हेरफेर के कारण भाजपा ने इसे सपा के साथ जोड़ दिया। हालांकि पुष्पराज जैन का संबंध पूरी तरह से समाजवादी पार्टी से है और साप से साल 2016 में एमएलसी बने पुष्पराज जैन ने ही समाजवादी इत्र को लॉन्च किया था।

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