ट्रेन डकैती का ये मामला बताता है कि अभी भी बदमाशों को प्रशासन का कोई डर नहीं है। सरेआम भरे ट्रेन में यात्रियों पर हमला करना और उनसे दो घंटे तक लूटपाट करना वाकई काफी दुस्साहसी भरा कदम है जो सरकार और प्रशासन को चुनौती देता है। चेन्नई से पटना जा रही गंगा-कावेरी एक्सप्रेस रविवार की आधी रात को मानिकपुर-इलाहाबाद रूट पर पनहाई आउटर के पास लुट गई। ट्रेन में सवार आधा दर्जन डकैतों ने ट्रेन की आधा दर्जन बोगियों में करीब पौने दो घंटे तक लूटपाट की। खबरों के मुताबिक,  सतना से आगे निकलने पर ट्रेन को डकैतों ने पनहाई रेलवे स्टेशन के पास सिगनल अप करके रोका। इसके बाद दो बोगियों में जमकर लूटपाट की। अब पुलिस कॉबिंग कर रही है। लूटपाट करने वाले यात्रियों पर डकैतों ने चाकू से हमला कर दिया जिससे कई यात्री गंभीर रूप से घायल हो गए।

डकैती करने के बाद बदमाश घने जंगल में भाग गए। सूचना मिलते ही डीआईजी चित्रकूटधाम रेंज मनोज तिवारी व एसपी मनोज कुमार झा भारी पुलिस फोर्स के साथ मौके पर पहुंच गए हैं। पुलिस ने डकैतों की तलाश में सर्च आपरेशन शुरू कर दिया है। घायल यात्री उसी ट्रेन से इलाहाबाद भेजे गए हैं। ट्रेन देर रात करीब 1:30 बजे पनहाई रेलवे स्टेशन के पास पहुंची तो सिग्नल नहीं मिलने के कारण चालक ने ट्रेन रोक दी। इतने में दो बोगियों में करीब आधा दर्जन डकैत घुस गए। डकैतों ने दो स्लीपर बोगियों के शीशे तोड़ डाले। लूटपाट का विरोध करने वाले यात्रियों के साथ जमकर मारपीट की।

बता दें कि ट्रेन में दो जवान हमेशा सुरक्षा के लिए होते हैं। लेकिन ट्रेन में जब लूटपाट हो रही थी तो दोनों जवान गायब थे। इस तरह रेलवे पुलिस की लापरवाही भी सामने आ रही है। प्रशासन ने जांच के आदेश दे दिए हैं।

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