‘कैसे झेलें एग्जाम प्रेशर’ से लेकर ‘करियर च्वाइस’ तक, यहां पढ़ें ‘परीक्षा पे चर्चा’ पर पीएम मोदी की बच्चों को एडवाइस और टिप्स

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आज यानी सोमवार (29 जनवरी) को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और स्कूली छात्रों के बीच ‘परीक्षा पे चर्चा’ के 7वें संस्करण में विचारों का लेन-देन हुआ। इस दौरान पीएम मोदी ने छात्रों, उनके अभिभावकों और शिक्षकों से बातचीत की। पीएम ने बच्चों को परीक्षा में प्रेशर झेलने के तरीकों से लेकर बेहतर नागरिक बनने की सलाह और टिप्स बांटे। पीएम मोदी ने सरल भाषा में सभी पूछे गए सवालों का जवाब दिया।   

बोर्ड परीक्षा की तैयारी कैसे करें, मोबाइल के दुष्प्रभाव से कैसे बचें, करियर चॉइस की उलझनों से कैसे बाहर निकलें? इन सभी सवालों का जवाब पीएम मोदी ने बड़ी ही सरलता से दिया। बता दें कि परीक्षा पे चर्चा कार्यक्रम में देशभर के स्कूलों से छात्रों ने भाग लिया है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, ‘परीक्षा पे चर्चा’ कार्यक्रम में जवाहर नवोदय विद्यालय सहित देशभर के राजकीय और प्राइवेट स्कूलों के छात्र भी शामिल हुए।

दबाव से निपटने के लिए खुद को ढालना होगा”- पीएम मोदी

पीएम मोदी ने प्रेशर से निपटने पर बात करते हुए कहा, “अपनी इच्छाशक्ति से हम दबाव के बावजूद सफलता हासिल कर सकते हैं…हमें दबाव से निपटने की कला को जल्दबाजी में नहीं, बल्कि धीरे-धीरे लागू करना चाहिए। दबाव को संभालना सिर्फ विद्यार्थी का काम नहीं है, इसकी जिम्मेदारी शिक्षकों और अभिभावकों की भी है।”

‘प्रतिस्पर्धा भी जरूरी है’- पीएम मोदी

प्रतिस्पर्धा और दबाव से जुड़े एक सवाल के जवाब में पीएम ने कहा, “जीवन में चुनौतियां और स्पर्धा होना बहुत जरूरी है। इनके बिना जीवन बहुत ही प्रेरणाहीन बन जाएगा। जीवन में हेल्दी कॉम्पीटीशन होना चाहिए।”

उन्होंने आगे कहा, “दोस्तों से प्रतिस्पर्धा न करें, बल्कि खुद से करें और सफल दोस्तों से प्रेरणा लें। 

कैसे झेलें एग्जाम का प्रेशर?

जब पीएम मोदी से एक स्टूडेंट द्वारा पूछा गया कि परीक्षा का प्रेशर कैसे झेलें तो पीएम मोदी ने जवाब में कहा, ‘हमें किसी भी प्रेशर को झेलने के लिए खुद को सामर्थ्यवान बनाना चाहिए। दबाव को हमें अपने मन की स्थिति से जीतना जरूरी है। किसी भी प्रकार की बात हो, हमें परिवार में भी चर्चा करनी चाहिए।’

‘लिखने की प्रैक्टिस करते रहें’- पीएम मोदी

परीक्षा पर चर्चा के इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री मोदी ने बच्चों को टिप्स देते हुए कहा कि आजकल लोगों की लिखने की आदत कम हो गई है। हम आईपैड वगैरह पर ज्यादा वक्त बिताते हैं। लेकिन जितना लिखेंगे उतनी ही अच्छी तैयारी होगी और कॉन्फीडेंस भी बढ़ेगा। इसलिए आप दिन में जितनी देर पढ़ते हैं उसका कम से कम आधा वक्त नोट्स बनाने में लगाएं। इससे आपको आइडिया लग जाएगा कि परीक्षा में कितनी देर में क्या आंसर लिखना है। अगर आपको तैरना आ जाएगा तो पानी में उतरने में डर नहीं लगेगा, ठीक वैसे ही जब आप लिखने की प्रैक्टिस करेंगे तो आपको टाइम मैनेजमेंट आ जाएगा और जाहिर तौर पर परीक्षा परिणाम में इसका असर दिखेगा।

‘अपने बच्चे की तुलना नया करें’- पीएम मोदी  

पीएम मोदी ने अभिभावकों को बच्चों पर बहुत अधिक दबाव ना डालने को लेकर कहा, “माता-पिता को चाहिए कि वे बच्चों पर अनावश्यक दबाव न डालें। पूछे गए एक सवाल का जवाब देते हुए पीएम ने कहा, “तुलना छात्रों के मन में बचपन से ही उनके परिवारों द्वारा रची जाती है।” उन्होंने कहा, “मैं माता-पिता से आग्रह करता हूं कि वे अपने बच्चों की तुलना दूसरों की उपलब्धियों से न करें।”

बच्चों का रिपोर्ट कार्ड ना बनाएं अपना विजिटिंग कार्ड- पीएम मोदी

पीएम मोदी ने एग्जाम में अच्छे मार्क्स लाने का प्रेशर और बच्चों पर पड़ने वाले मानसिक दबाव को लेकर माता पिता से आग्रह करते हुए कहा, बच्चों के रिपोर्ट कार्ड को अपना विजिटिंग कार्ड ना बनाएं। पीएम मोदी ने ए सलाह दसवीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षाओं से पूर्व छात्रों के मानसिक तनाव को कम करने के उद्देश्य से दी।

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