पाकिस्तान में इमरान खान के प्रधानमंत्री बनने के बाद से भारत और पाकिस्‍तान के बीच संबंधों के बेहतर होने की उम्‍मीदों पर पड़ोसी मुल्‍क के सैन्‍य प्रमुख कमर जावेद बाजवा ने एक बार फिर पानी फेरने का काम किया। पाकिस्‍तान के सेना प्रमुख कमर जावेद बाजवा ने भारत के साथ 1965 के युद्ध की 53वीं वर्षगांठ के मौके पर शुक्रवार को पाकिस्तान में आयोजित रक्षा दिवस कार्यक्रम में दोबारा कश्‍मीर राग अलापा है।

पाक सैन्‍य प्रमुख ने कहा कि ‘आजादी की लड़ाई में हम कश्‍मीर के साथ हैं। कश्‍मीर के भाईयों-बहनों की कुर्बानी को हम सलाम करते हैं। हम सरहद पर बहे लहू का हिसाब लेंगे’। उन्‍होंने फिर कश्मीर का राग छेड़ते हुए कहा कि ‘हम कश्मीर के भाईयों और बहनों द्वारा उनकी आजादी की लड़ाई में दी जाने वाले कुर्बानी के लिए सलाम करते हैं’। उन्‍होंने कहा कि पिछले दो दशक से युद्ध के तरीके बदल गए हैं। पाकिस्तान को कमजोर करने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान की रक्षा में मुल्‍क ने अब तक 76,000 सैनिक खोए हैं। इनकी कुर्बानी बेकार नहीं जाएग। राजधानी इस्लामाबाद में आयोजित इस कार्यक्रम में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान, राष्ट्रपति ममनून हुसैन भी मौजूद थे।

वहीं, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने कहा, कि पाकिस्तान शांतिपूर्वक सह-अस्तित्व में विश्वास करता है और अपने पड़ोसियों और पूरी दुनिया के साथ समानता के आधार पर पारस्परिक सहयोग को बढ़ावा देना चाहता है।

कश्मीर पर इमरान ने कहा कि क्षेत्र में शांति के लिए संयुक्त राष्ट्र के प्रस्तावों के तहत कश्मीर मुद्दे का समाधान निकालना बेहद जरूरी है।  उन्‍होंने आगे कहा कि सरकार और सेना के बीच तनाव एक झूठा प्रचार था, जोकि अब पूरी तरह से खत्म हो चुका है। उन्होंने कहा पिछले 15 सालों से पाकिस्तान के दुश्मनों ने देश को तोड़ने की बहुत कोशिश की, लेकिन वे कामयाब नहीं हो पाए।

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