केंद्र सरकार ने 14 फरवरी को Cow Hug Day के रूप में मनाए जाने की अपील को वापिस ले लिया है। दरअसल इस अपील के बाद से सरकार की काफी आलोचना हो रही थी। मामले में बढ़ते विवाद के बीच अब सरकार ने इस अपील को वापिस ले लिया है। आपको बता दें कि विपक्षी दलों में से आम आदमी पार्टी और तृणमूल कांग्रेस ने सरकार की इस अपील का विरोध किया था।
विपक्षी दलों में शामिल शिवसेना ने केंद्र सरकार पर हमला बोलते हुए कहा था कि सरकार 14 फरवरी को काउ हग डे के रूप में इसलिए मना रही है क्योंकि कारोबारी गौतम अडानी भी प्रधानमंत्री के लिए पवित्र गाय की तरह हैं। जहां वामपंथी दलों ने काउ हग डे को हास्यास्पद बताया था वहीं टीएमसी का कहना था कि सरकार इसके जरिए असल मुद्दों से ध्यान भटकाना चाहती है।
कांग्रेस ने कहा था कि जो हिंदू हैं वह रोज ही गाय का सम्मान करते हैं। सिर्फ एक दिन नहीं करते हैं। ऐसे में सरकार इस तरह के कदम से असल मुद्दों से ध्यान भटका रही है। गौरतलब है कि कुछ दिन पहले पशु कल्याण बोर्ड ने अपील की थी कि काउ हग डे मनाया जाए। इसके पीछे तर्क ये दिया गया था कि गाय भारत की ग्रामीण अर्थव्यवस्था और संस्कृति का प्रतीक है। वह पशु धन और जैव विविधता का संदेश देती है। भारतीय संस्कृति में इसे कामधेनु भी कहा जाता है।