Charanjit Singh Channi पंजाब के मुख्यमंत्री तो बन गये हैं लेकिन सीएम की गद्दी उन्हें रास नहीं आ रही है। मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी जितना विपक्षी दलों अकाली दल और भाजपा से परेशान नहीं है, उससे ज्यादा वो अपनी खुद की पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष Navjot Singh Sidhu से परेशान चल रहे हैं।
सिद्धू की चन्नी से अदावत थमने का नाम ही नहीं ले रही है। सिद्धू ने एक बार फिर मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी की सरकार पर हमला बोला है। इसके साथ ही नवजोत सिंह सिद्धू ने पंजाब में बिजली की दरों में 3 रुपये प्रति यूनिट की कटौती और सरकारी कर्मचारियों के महंगाई भत्ते (डीए) में बढ़ोतरी को लेकर भी सवाल खड़े किये हैं।
पंजाब सरकार लोगों को लॉलीपॉप बांट रही है
नवजोत सिंह सिद्धू ने कहा कि पंजाब पर 5 लाख करोड़ रुपये का कर्ज है और सरकार लोगों को लॉलीपॉप बांट रही है। उन्होंने कहा कि अगर लोगों को यह लगता है कि सरकार कर्ज की इतनी बड़ी रकम तो चुका देगी तो उनकी सोच पूरी तरह से गलत है। अंत में सरकारी कर्ज का भार जनता के कंधों पर ही पड़ना है।
सिद्धू ने चन्नी सरकार पर कटाक्ष करते हुए कहा कि सरकार के खजाने में इतना ही अधिक पैसा है, तो वह शिक्षकों का वेतन बढ़ाकर 50,000 रुपये हर महीने क्यों नहीं कर देती।
बिजली के मुद्दे पर हमलावर होते हुए सिद्धू ने कहा कि क्या केवल झूठ बोलना और झूठा वादा करना ही सरकार का मकसद है? क्या कोई राज्य की जनता के कल्याण की भी बात करेगा? उन्होंने कहा कि जनता को लॉलीपॉप देते हैं कि यह मुफ्त है और जो मुफ्त है वह इन दो महीनों में दिखाई दे रहा है।
जनता विकास के मुद्दे पर वोट दे, लॉलीपॉप पर नहीं
इतना ही नहीं पंजाब की जनता से सिद्धू ने कहा कि वो लॉलीपॉप के लिए नहीं, बल्कि विकास के मुद्दे पर वोट दें। उन्होंने कहा कि यह सवाल तो सबके मन में पैदा होना चाहिए कि क्या इरादा केवल सरकार बनाने या झूठ बोलकर सत्ता में आने से है या फिर राज्य के कल्याण करने का है।
खुद पंजाब की राजनीति के केंद्र में रहने वाले सिद्धू ने बड़ी ही चालाकी से चन्नी सरकार को लपेटते हुए कहा कि राजनीति अब कोई मिशन नहीं रह गया, बल्कि यह एक पेशा बन गया है।
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