Narendra Giri Suicide Case: अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रहे महंत नरेंद्र गिरि की मौत मामले में आरोपी आनंद गिरि (Anand Giri) की जमानत अर्जी पर 5 जनवरी को इलाहाबाद हाईकोर्ट में सुनवाई नहीं हो पाई। दरअसल, सीबीआई की तरफ से हाईकोर्ट में जवाब दाखिल किया गया, लेकिन ऑनलाइन दाखिल जवाब हाईकोर्ट की वेबसाइट पर अपलोड नहीं हो सकी।
Narendra Giri Suicide Case: आनंद गिरि पर आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप
बता दें कि हाईकोर्ट इस मामले की अगली सुनवाई 18 जनवरी को करेगी। गौरतलब है कि आनंद गिरि पर महंत नरेंद्र गिरि को आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप है। इससे पहले निचली अदालत ने महंत आनंद गिरि की जमानत खारिज कर दिया है। अब इसके खिलाफ आनंद गिरि ने हाईकोर्ट में जमानत अर्जी दाखिल की है।
20 सितंबर को बाघंबरी मठ मठ में महंत की हुई थी संदिग्ध मौत
बता दें कि 20 सितंबर 2021 को अल्लापुर स्थित बाघंबरी मठ में नरेंद्र गिरी की संदिग्ध हालत में मौत हो गई थी। इस मामले में आनंद गिरी, मंदिर के पूर्व पुजारी आद्या प्रसाद तिवारी और उसके बेटे संदीप तिवारी को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था। अब इस मामले की जांच CBI की टीम कर रही है।
गौरतलब है कि CBI ने आनंद गिरी समेत 3 आरोपियों को जांच के लिए रिमांड पर भी लिया था। इसके साथ ही CBI ने बाघंबरी गद्दी के महंत बलबीर गिरी महाराज और सेवादारों से भी कई बार पूछताछ की थी। इससे पहले CBI ने आनंद गिरी के लाई डिटेक्टर टेस्ट और पॉलीग्राफ टेस्ट के लिए सीजेएम कोर्ट में आवेदन किया था। जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया था।
“महंत नरेंद्र गिरी ने ही लिखा था सुसाइड नोट“
CBI ने इस मामले में दाखिल चार्जशीट में कहा था कि महंत नरेंद्र गिरि ने आत्महत्या की थी। इसीलिए CBI ने तीनों आरोपियों के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने (धारा 306) और साजिशकर्ता (120 बी) की धाराएं लगाई हैं। CBI ने आनंद गिरी, आद्या प्रसाद तिवारी और उसके बेटे संदीप तिवारी को मौत के लिए जिम्मेदार माना है।
बताते चलें कि सुसाइड नोट के हैंड राइटिंग की फॉरेंसिक जांच कराई गई थी। इसमें पाया गया था कि सुसाइड नोट महंत नरेंद्र गिरी ने ही लिखा था। CBI के मुताबिक, अभी विवेचना नहीं हुई है। आने वाले दिनों में कुछ और लोगों के नाम भी इस मामले में सामने आ सकते हैं।
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