बिहार में विधानसभा चुनाव की तारिखों का ऐलान हो चुका है। ऐसे में सभी पार्टियां पूरी तैयारी के साथ मैदान में उतर चुकी हैं। चुनाव आयुक्त के मुख्य सुनिल अरोड़ा ने घोषणा की है कि 28 अक्टूबर को मतदान होगा और 10 नवंबर को नतीजे घोषित होंगे।

तारिखों का ऐलान होती है विपतक्षी पार्टियों ने ट्वीट के जरिए हमला बोलना शुरू कर दिया है। लालू के उत्तराधिकारी तेजस्वी यादव ने बिहार के सीएम नीतीश कुमार को “मुर्ख” तक कह दिया।

इस बार विपक्ष कई मुद्दों के सहारे चुनावी मैदान में उतर सकता है। इसमे पांच मुख्य मुद्दे बेरोजगारी, बाढ़, कोरोना, कृषि कानून, लॉकडाउन शामिल हैं।

1. बेरोजगारी

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किसी भी राज्य के विकास का आंकलन रोजगार से लगाया जाता है। पर बिहार में युवा डीग्री लेकर हाथ में सड़कों पर घूम रहे हैं। राज्य में बेरोजगारी पिछले साल से तीन फीसद बढ़कर 10.2 प्रतिशत तक पहुंच गई है। वैसे तो बिहार में चुनाव जाति के नाम पर ही लड़ा जाता है पर इस बार युवा रोजगार मांग रहा है। तो विपक्ष के लिए रोजगार बड़ा मुद्दा बन सकता है।

2. बाढ़

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बिहार की जनता हर साल बाढ़ की मार झेलती है। राजनेता अपनी राजनीतिक रोटियां सेकते रहते हैं इस बार बिहार में 14 से अधिक जिलों में 56,53,702 लोग बाढ़ से प्रभावित हुए थे इसमें सीतामढ़ी, शिवहर, सुपौल, किशनगंज, दरभंगा, मुजफ्फरपुर, गोपालगंज, पूर्वी चम्पारण, पश्चिम चंपारण, खगडिया, सारण, समस्तीपुर, जैसे जिले शामिल हैं। मोदी सरकार का दावा है कि उन्होंने बाढ़ से प्रभावित लोगों को पुरा ख्याल रखा है साथ ही खाते में पैसे भी भेजे गए हैं। लेकिन विपक्ष का कहना है कि सब जुमला है। पैसों में घोटाले बाजी हुई है।

3. कृषि कानून

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कृषि कानून को लेकर देश भर के किसानों में आक्रोश है। बीजेपी सरकार ने नया कृषि कानून पारित किया है और बिहार में बीजेपी की गठबंधन सरकार है सारा विपक्ष इस कानून के खिलाफ है। तो कृषि कानून भी विपक्ष को सत्ता तक पहुंचा सकती है। 25 सितंबर को यानी के भारत बंद के दिन किसानों का साथ देने के लिए तेजस्वी यादव ने ट्रैक्टर रैली भी निकाली थी।

4. कोरोना

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कोरोना ने पुरी दुनिया में हाहाकार मचाया है। भारत में कोरोना के आंकड़े 58 लाख के पार पहुंच गए हैं। बिहार मे कोरोना का आंकड़ा 1,75,898 पहुंच गया है। ऐसे में बिहार कि स्वास्थ्य व्यवस्था सबसे अधिक खस्ता है। आए दिन बिहार के अस्पतालों की तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल होती रहती है। जिसमें अस्पताल में कुत्ते नजर आते हैं।

5. लॉकडाउन

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देशव्यापी लॉकडाउन की वजह से बिहार में करीब 26 लाख युवा लौटे हैं। इन लोगों के सामने रोजी-रोटी का संकट है। इसमें से ज्यादातर बेरोजगार 30 साल ऐज ग्रुप के हैं।  लॉकडाउन के कारण बिहार और उत्तरप्रदेश की जनता ने सबसे अधिक पलायन किया है।

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