पीएम, यूएन प्रमुख ने की मिशन LiFE की शुरूआत, 1 करोड़ लोगों के जुड़ने की उम्मीद, जानिए मिशन के लक्ष्यों के बारे में

प्रधान मंत्री कार्यालय की ओर से बताया गया कि “पीएम नरेंद्र मोदी द्वारा परिकल्पित मिशन LiFE भारत के नेतृत्व में एक वैश्विक जन आंदोलन बनने की आशा है जिससे पर्यावरण की रक्षा और संरक्षण के लिए व्यक्तिगत व सामूहिक कार्रवाई को प्रोत्साहन मिलेगा.“

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पीएम, यूएन प्रमुख ने की मिशन LiFE की शुरूआत, 1 करोड़ लोगों के जुड़ने की उम्मीद, जानिए मिशन के लक्ष्यों के बारे में - APN News
Mission LiFE

संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस और प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने गुजरात के केवडिया में वैश्विक अभियान मिशन लाइफ (LiFE – Lifestyle for the Environment) की शुरुआत की है. भारत सरकार का मिशन LiFE अभियान पर्यावरण संरक्षण को लेकर एक बड़ा अभियान है, जिसके साथ करीब 1 करोड़ लोगों के जुड़ने का अनुमान लगाया जा रहा है. अभियान के शुरू करने के दौरान विदेश मंत्री एस जयशंकर और मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल भी उपस्थित रहे.

LiFE मिशन की शुरूआत को लेकर फ्रांस, यूके, अर्जेंटीना, जॉर्जिया, गुयाना, मेडागास्कर, मॉरीशस, एस्टोनिया, नेपाल और मालदीव के राष्ट्राध्यक्षों ने इस अवसर पर प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी को बधाई संदेश भी भेजे हैं. प्रधान मंत्री कार्यालय की ओर से बताया गया कि “पीएम नरेंद्र मोदी द्वारा परिकल्पित मिशन LiFE भारत के नेतृत्व में एक वैश्विक जन आंदोलन बनने की आशा है जिससे पर्यावरण की रक्षा और संरक्षण के लिए व्यक्तिगत व सामूहिक कार्रवाई को प्रोत्साहन मिलेगा.“

विकसित देशों को भारत जैसे देशों को वित्तीय और तकनीकी सहायता देनी चाहिए – गुटेरेस

मिशन की शुरूआत को लेकर आयोजित कार्यक्रम के दौरान संयुक्त राष्ट्र (United Nations) के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने कहा कि विकसित देशों को भारत जैसे देशों को वित्तीय और तकनीकी सहायता (Financial and Technical Assistance) देना चाहिए. उन्‍होंने कहा कि हमें एक नवीकरणीय क्रांति लाने की जरूरत है और इस पर भारत के साथ काम करने के लिए संयुक्त राष्ट्र पूरी तरह से तैयार है.

गुटेरेस ने कहा कि व्यक्ति और समुदाय हमारे ग्रह और हमारे सामूहिक भविष्य की रक्षा के समाधान का हिस्सा हो सकते हैं और होना चाहिए. गुटेरेस ने आगे कहा कि G-20 देशों का वैश्विक ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन में 80 फीसदी  हिस्सा है, लेकिन यह वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद का 80 फीसदी का भी प्रतिनिधित्व करता है. संसाधनों के रूप में G-20 देशों के पास प्रकृति के खिलाफ युद्ध को समाप्त करने और हमें स्थायी जीवन की दिशा में स्थापित करने की शक्ति है.

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हमारे ग्लेशियर पिघल रहे हैं, नदियां सूख रही हैं – पीएम मोदी

वहीं प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आज के समय में हर जगह जलवायु परिवर्तन के मुद्दे को देख रहे हैं, हमारे ग्लेशियर पिघल रहे हैं, नदियां सूख रही हैं, मिशन लाइफ जलवायु संकट से लड़ने में मदद करेगी. उन्‍होंने कहा कि कुछ लोग एसी के तापमान को 17 या 18 डिग्री तक रखना पसंद करते हैं, लेकिन इसका पर्यावरण पर गहरा और नकारात्मक प्रभाव पड़ता है. उन्‍होंने कहा कि इन समस्‍याओं से निपटने के लिए पर्यावरण के लिए मिशन लाइफ की शुरुआत की गई है.

प्रधान मंत्री मोदी ने आगे कहा कि मिशन LiFE P-3 की अवधारणा को मजबूत करेगा. P-3 यानी ‘प्रो प्लेनेट पीपल’. आज हम ऐसी दुनिया में जी रहे हैं जहां इस बात की चर्चा रहती है कि कौन किस देश या किस गुट के साथ खड़ा है या उसके खिलाफ है. लेकिन मिशन LiFE ‘प्रो प्लेनेट पीपल’ के तहत जोड़ता है और अपने विचारों से समाहित कर सबको एक कर देता है. यह ‘लाइफस्टाइल ऑफ द प्लेनेट, फॉर द प्लेनेट और बाय द प्लेनेट’ के मूल सिद्धांत पर चलता है.”

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क्या है उद्देश्य

मिशन लाइफ का उद्देश्य स्थिरता के प्रति हमारे सामूहिक दृष्टिकोण को बदलने के लिए त्रिस्तरीय रणनीति का पालन करना है. इसमें सबसे पहले व्यक्तियों को अपने दैनिक जीवन (मांग) में सरल लेकिन प्रभावी पर्यावरण के अनुकूल कार्यों का अभ्यास करने के लिए प्रेरित करना है; दूसरा, उद्योगों और बाजारों को बदलती मांग (आपूर्ति) के लिए तेजी से प्रतिक्रिया देने में सक्षम बनाना और; तीसरा दीर्घकालीन खपत और उत्पादन (नीति) दोनों का समर्थन करने के लिए सरकार और औद्योगिक नीति को प्रभावित करना शामिल है.

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मिशन प्रमुखों के 10वां सम्मेलन

प्रधान मंत्री आज मिशन प्रमुखों के 10वें सम्मेलन में भी भाग लेंगे, जिसका आयोजन 20-22 अक्टूबर 2022 तक केवडिया में भारत के विदेश मंत्रालय द्वारा किया जा रहा है. यह सम्मेलन दुनिया भर से भारतीय मिशनों के 118 प्रमुखों (राजदूतों और उच्चायुक्तों) को एक मंच पर लाएगा. तीन दिनों में होने वाले 23 सत्रों के माध्यम से, इस सम्मेलन में समकालीन भू-राजनीतिक और भू-आर्थिक वातावरण, कनेक्टिविटी, भारत की विदेश नीति प्राथमिकताओं जैसे मुद्दों पर विस्तृत आंतरिक चर्चा करने का मौका मिलेगा.

इससे पहले मिशनों के प्रमुखों ने संबंधित राज्यों को भारत के प्रमुख मिशनों जैसे कि आकांक्षात्मक जिलों (Aspirational Districts), एक जिला एक उत्पाद (One District One Product), अमृत सरोवर मिशन (Amrit Sarovar Mission) से संबंधित अन्य लोगों के साथ स्वयं का परिचय कराने के लिए इन राज्यों के दौरे पर हैं.

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