Manipur Violence: कांग्रेस अध्‍यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने बयां की मणिपुर की तस्‍वीर, राहत शिविरों में सुविधाएं नहीं, कहां जाएं लोग ?

Manipur Violence: मल्लिकार्जुन खरगे ने ट्विटर पर लिखा, "मणिपुर में लगातार उथल-पुथल मची है। मोदी सरकार इसे लेकर लगातार उदासीन नजर आई। हमारे INDIA गठबंधन के सांसदों ने राज्य का दौरा करने के बाद लोगों से दिल दहला देने वाली कहानियां सुनीं।

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MP News: Mallikarjun Kharge on Caste Census news
Manipur Violence: Mallikarjun Kharge

Manipur Violence: मणिपुर हिंसा को लेकर विपक्ष लगातार मोदी सरकार पर हमलावर बना हुआ है। हाल में ही मणिपुर दौरे से लौटे विपक्षी दलों के प्रतिनिधिमंडल ने वहां से जुड़ी कई बातें भी साझा की हैं।बताया जा रहा है कि राज्य में हालात किस हद तक बिगड़ते जा रहे हैं। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने इसी बीच ट्विटर पर कई अहम मुद्दों को रखा है। उन्होंने बताया कि हमारे गठबंधन I.N.D.I.A के सांसदों ने कैसे मणिपुर के लोगों से बात की और दिल दहला देने वाली कहानियां सुनीं।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने ट्विटर पर एक वीडियो भी शेयर किया है। जिसमें तमाम विपक्षी सांसद बैठे दिख रहे हैं, जो मणिपुर के दौरे पर गए थे।बैठक में खरगे भी शामिल हुए थे। इस दौरान सांसदों ने वीडियो और तस्वीरों के जरिए बताया कि मणिपुर में फिलहाल कैसे हालात हैं? इसी बातचीत का जिक्र खरगे ने अपने ट्वीट में किया है।

Manipur Violence: Mallikarjun Kharge
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Manipur Violence: मणिपुर में लगातार उथल-पुथल

Manipur Violence: मल्लिकार्जुन खरगे ने ट्विटर पर लिखा, “मणिपुर में लगातार उथल-पुथल मची है। मोदी सरकार इसे लेकर लगातार उदासीन नजर आई। हमारे INDIA गठबंधन के सांसदों ने राज्य का दौरा करने के बाद लोगों से दिल दहला देने वाली कहानियां सुनीं। जिसमें सभी समुदाय के लोग शामिल थे।” इसके बाद प्वाइंटर्स में खरगे ने बताया कि मणिपुर में क्या हालात हैं।

Manipur Violence: लगातार खराब हो रहे मणिपुर के हालात

  • 10 हजार मासूम बच्चों समेत 50 हजार से ज्यादा लोग अपर्याप्त सुविधाओं वाले राहत शिविरों में है
  • खासतौर पर महिलाओं के लिए सुविधाओं की कमी है, लोग दवाओं और भोजन की कमी का सामना कर रहे हैं
  • मणिपुर में आर्थिक गतिविधियां रुक गई हैं, बच्चे स्कूल नहीं जा पा रहे, किसानों ने अपनी खेती बंद कर दी है
  • लोग वित्तीय घाटे और मानसिक परेशानी दोनों से जूझ रहे हैं, यहां दो समुदायों के बीच विभाजन काफी ज्यादा चिंताजनक है

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