मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस और डेंटल कोर्स में एडमिशन के लिए सीबीएसई का एन्ट्रेंस एग्जाम नीट की  परीक्षा 7 मई को होनी है। इस बार इस परीक्षा को देने के लिए विद्यार्थियों को कई नियमों का पालन करना पड़ेगा वरना वह परीक्षा नहीं दे पाएंगे।

इन नियमों में बोर्ड ने परीक्षा में आने के लिए पहनावे को भी को तय किया है जिसका पालन करना अनिवार्य होगा। बताया जा रहा है कि यह सारे नियम सीबीएसई ने नकल पर रोक लगाने के लिए बनाये हैं। इन नियमों में हर चीज़ को बताया गया है कि परीक्षा में आपको क्या पहनकर जाना है, क्या लेकर जा सकते हैं और क्या नहीं, इस तरह की तमाम बातें नियमों में स्पष्ट की गई हैं। इन नियमों में परीक्षा देने आने वाली लड़कियों के लिए साड़ी पहनकर, मेहंदी लगाकर और बुर्का पहनकर आने पर रोक लगाई गई है। हालांकि विवाहित महिलाओं को मगंलसूत्र पहनने में छूट मिलेगी। साथ ही विद्यार्थियों को हवाई चप्पल, सैंडल, हाफ टी-शर्ट, शर्ट, ट्राउजर, लैगिंग्स, लोअर, प्लाजो, सलवार, हाफ स्लीव्स कुर्ती, टॉप पहनकर परीक्षा देने में छूट दी गई है लेकिन बड़े बटन वाले या फूल-पत्ती वाले कपड़े पहनकर आने पर भी रोक रहेगी। लॉकेट, जूते, फुल स्लीव्स की शर्ट, घड़ी, धूप वाले चश्मे, हेयर क्लिप, रबर बैंड, बेल्ट, चूड़ी पहने होने पर भी परीक्षा हॉल में एंट्री नहीं मिलेगी। परीक्षा में जूता पहनने की भी इजाजत नहीं दी गई है।

नीट की परीक्षा हर साल बड़े पैमाने पर होती है। यह परीक्षा सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकंडरी एजुकेशन (सीबीएसई) आयोजित करता है। नीट की परीक्षा के लिए देश भर में 103 परीक्षा केंद्र बनाए गए हैं। बता दें कि इस बार नीट के लिए रजिस्टर करने के लिए आधार कार्ड जरूरी किया गया था। परीक्षा में विद्यार्थियों को अपने साथ आधार कार्ड लाना होगा वरना विद्यार्थियों को सेंटर में घुसने नहीं दिया जाएगा। विद्यार्थियों को नीट की वेबसाइट से एडमिट कार्ड डाउनलोड कर उसमें अपनी तस्वीर भी लगानी होगी। सीबीएसई ने इस बार खास पेन तैयार करवाया है जिसमें सेंटर में प्रवेश के बाद एडमिट कार्ड दिखाने पर यह पेन दिया जाएगा। यह पेन केवल नीट के लिए तैयार कराया गया है। इस सख्त नियमों के चलते नकल करने के लिए किसी भी तरीके का सामान अंदर ले जाना असंभव होगा।

इस साल नीट की परीक्षा देने के लिए 11 लाख 35 हजार 104 विद्यार्थियों ने रजिस्ट्रेशन कराया है। इस बार यह परीक्षा नौ भाषाओं में दी जाएगी। जिसमें अंग्रेजी, हिंदी, तमिल, बांग्ला मराठी, कन्नड, असमी, गुजराती, ओड़िया और तेलुगू शामिल हैं।

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