पंचशील समझौते के बाद भी क्यों शुरू हुई थी भारत-चीन जंग? पढ़ें यहां

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Indo-China War: पंचशील समझौते के बाद भी क्यों शुरू हुई थी भारत-चीन जंग? पढ़ें यहां
Indo-China War: पंचशील समझौते के बाद भी क्यों शुरू हुई थी भारत-चीन जंग? पढ़ें यहां

Indo-China War:भारत-चीन रिश्तों की बात हो और 1962 की जंग का जिक्र न हो, ऐसा हो नहीं सकता। साल 1962 में आज ही के दिन भारत और चीन के बीच जंग की शुरूआत हुई थी। इस जंग में भारत को हार का मुंह देखना पड़ा था और पड़ोसी देश चीन ने अक्साई चिन पर कब्जा कर लिया था। हालांकि ये जानना जरूरी हो जाता है कि आखिर इस जंग की शुरूआत क्यों हुई थी?

Indo-China War: विरोध के बाद भी चीन सीमा पर तैनात कर रहा था सैनिक

दरअसल, साल 1949 में पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना (चीन) के गठन के साथ ही भारत अपने पड़ोसी के साथ सौहार्दपूर्ण संबंध बनाए रखना चाहता था। हालांकि जब चीन ने घोषणा की कि वह तिब्बत पर कब्जा करेगा, तो भारत ने इस मुद्दे पर बातचीत का प्रस्ताव दिया और विरोध स्वरूप पत्र भेजा। इस बीच चीन अक्साई चिन सीमा पर तेजी से सैनिकों की तैनाती कर रहा था।

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Indo-China War

Indo-China War: उस समय भारत चीन के साथ अपने संबंधों को लेकर कितना चिंतित था इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि वह जापान के साथ शांति संधि सम्मेलन में भी शामिल नहीं हुआ क्योंकि चीन को उसमें आमंत्रित नहीं किया गया था। जिस समय चीन दुनिया में अलग-थलग पड़ गया था उस समय भारत ने एक सच्चे पड़ोसी का फर्ज निभाया था और कई मुद्दों पर अपने पड़ोसी देश का समर्थन किया।

यहां तक कि 1954 में, चीन और भारत ने शांतिपूर्ण संबंधों के लिए पंचशील समझौता किया। जिसके तहत, भारत ने तिब्बत में चीनी शासन को स्वीकार किया। उस समय भारत के प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने “हिंदी-चीनी भाई-भाई” का नारा दिया। जुलाई 1954 में, नेहरू ने सभी सीमाओं पर निश्चित सीमाओं को दिखाने के लिए भारत के नक्शों में संशोधन का निर्देश दिया। हालांकि, चीन के नक्शों में लगभग 1,20,000 वर्ग किलोमीटर भारतीय क्षेत्र दिखाया गया। बाद में पूछे जाने पर, चीनी प्रधानमंत्री ने जवाब दिया कि नक्शे में गलतियां हैं।

Indo-China War: गौरतलब है कि चीन के शीर्ष नेता, माओत्से तुंग को मार्च 1959 में दलाई लामा का भारत में स्वागत रास नहीं आया था। दोनों देशों के बीच तनाव तब बढ़ गया जब माओ ने कहा कि तिब्बत में ल्हासा विद्रोह भारतीयों के कारण हुआ था। भारत को तिब्बत के अपने शासन के लिए एक खतरे के रूप में देखना युद्ध के सबसे प्रमुख कारणों में से एक बन गया।

Indo-China War: हालांकि जंग से पहले अक्टूबर 1959 में, कोंगका दर्रे पर दो सेनाओं के बीच संघर्ष के बाद, भारत ने महसूस किया कि वह युद्ध के लिए तैयार नहीं है। उस समय नौ भारतीय पुलिसकर्मी शहीद हो गए थे। बाद में सरकार ने विवादित क्षेत्रों से सेना को वापिस बुला लिया था। इसके बाद 1962 की गर्मियों के दौरान भारत और चीन के बीच विभिन्न संघर्ष और सैन्य घटनाएं भड़क उठीं। अक्टूबर की 20 तारीख आते-आते दोनों देशों के बीच जंग शुरू हो चुकी थी।

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