डोकलाम विवाद के बाद एक तरफ जहां भारत चीन से लोहा लेने का हर रोज दावा कर रहा है, वहीं यह घटना सेना की तैयारियों की पोल खोल रही है। दरअसल रूस के मास्को स्थित अलाबीनो रेंज में चल रहे अंतरराष्ट्रीय टैंक बैथलॉन के बीच रेस में ही भारत के दो टैंक खराब हो गए, जिसके चलते भारत इस प्रतियोगिता से बाहर हो गया। खास बात यह है कि टी-90 एस टैंक नाम के ये टैंक भारत के सर्वश्रेष्ठ टैंक है और इसमें किसी भी प्रकार की तकनीकी गड़बड़ी आना युद्ध के इस माहौल में निश्चित रूप से चिंता की बात है।

खबर के अनुसार, भारत ने इन खेलों के लिए दो टी-90 एस टैंक भेजे थे, जिसमें एक टैंक प्रमुख और दूसरा रिजर्व में रखा गया था। हालांकि रेस के दौरान दोनों ही टैंकों में खराबी आ गई, जिसके बाद भारत को अयोग्य घोषित कर बाहर कर दिया गया। हालांकि इस प्रतियोगिता के शुरुआती चरणों में भारतीय सेना ने शानदार प्रदर्शन किया था और उसे जीत का प्रबल दावेदार भी माना जा रहा था। लेकिन फाइनल से ठीक एक चरण पहले भारतीय टैंक में गड़बड़ी आ गई और भारतीय दल प्रतियोगिता से बाहर हो गई। बताया जा रहे है कि रेस के दौरान जहां प्रमुख टैंक की बेल्ट टूट गई, वहीं उसके बाद रेस में भेजे गए रिजर्व टैंक में लीकेज आ गई और कुछ किलोमीटर में ही उसका इंजन ऑयल बह गया।

अब इस प्रतियोगिता के फाइनल में सिर्फ रूस, बेलारूस, कजाकिस्तान और चीन ही बचे हैं और इन चारों में से ही कोई एक अब विजेता बनेगा। आपको बता दें कि इस बैथलॉन में कुल 19 देशों ने हिस्सा लिया था।

इस अंतर्राष्ट्रीय बैथलॉन में भारतीय सेना के सबसे भरोसेमंद टैंकों का इस तरह से फेल हो जाना एक बड़ा झटका है क्योंकि युद्ध के हालात में सेना इन्हीं टैंकों के ऊपर निर्भर है और अभी हर रोज ही युद्ध के हालात बन रहे हैं।

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