भारत भी अपने रक्षा क्षेत्र को लेकर काफी सतर्क है। एक तरफ जहां कई मंत्रियों और नेताओं ने भी भारत के रक्षा क्षेत्र का बजट बढ़ाने की बात कही है तो वहीं मोदी सरकार भी रक्षा व्यवस्था को लेकर नई-नई रणनीति अपना रही है। हालांकि भले ही रक्षा क्षेत्र के मामले में भारत अभी चीन से दो कदम पीछे है लेकिन किसी भी स्थिति से निपटने के लिए भारत हमेशा से तैयार रहा है। अब भारत ने अपने रक्षा व्यवस्था को और मजबूत बनाने के लिए एक बहुत बड़ी डील की है। भारत ने आज 110 लड़ाकू विमानों के बेड़े की खरीद की प्रक्रिया शुरू की। हालिया वर्षों में यह दुनिया की सबसे बड़ी सैन्य खरीदारी में एक हो सकती है। भारतीय वायुसेना की 110 फाइटर जेट्स की जरूरत को पूरा करने के लिए सरकार ने शुक्रवार को टेंडर प्रक्रिया शुरू कर दी है।

बताया जा रहा है कि यह डील करीब 1.25 लाख करोड़ रुपए से भी अधिक की है। बता दें कि बीते कुछ सालों में ये किसी भी देश की ओर से ये एयरक्राफ्ट्स का सबसे बड़ा ऑर्डर हैं। अगर ये सौदा होता है तो ये दुनिया का सबसे बड़ा रक्षा सौदा भी होगा। वायु सेना ने अरबों डॉलर के खरीद सौदे के लिए आरएफआई (सूचना के लिए अनुरोध) या शुरुआती निविदा जारी की है। यह सौदा सरकार के मेक इन इंडिया पहल के साथ होगा। अधिकारियों ने कहा कि भारत में अत्याधुनिक रक्षा प्रौद्योगिकी लाने के मकसद से हाल में शुरू रणनीतिक भागीदारी मॉडल के तहत भारतीय कंपनी के साथ मिलकर विदेशी विमान निर्माता लड़ाकू विमानों का उत्पादन करेंगे।

सौदे की स्पर्धा में लॉकहीड मार्टिन, बोइंग, साब और द सॉल्ट समेत अन्य सैन्य विमान निर्माता कंपनियों के शामिल होने की उम्मीद है। वायु सेना पुराने हो चुके कुछ विमानों को बाहर करने के लिए अपने लड़ाकू विमान बेड़े की गिरती क्षमता का हवाला देते हुए विमानों की खरीद प्रक्रिया में तेजी लाने पर जोर दे रही है।

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