गृह मंत्रालय सोशल मीडिया और वेबसाइटों पर ‘चाइल्ड पोर्नोग्राफी’, बलात्कार और सामूहिक बलात्कार से संबंधित फोटो और वीडियो जैसी सामग्री पर रोक लगाने के लिए जल्द ही दिशा निर्देश और मानक प्रक्रिया बना रही है और इसे दो सप्ताह में लागू कर दिया जायेगा। उच्चतम न्यायालय ने एक गैर सरकारी संगठन की याचिका पर दो दिन पहले ही गृह मंत्रालय को यह आदेश दिया था। मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि उच्चतम न्यायालय के आदेश के अनुसार मंत्रालय जल्द ही ये दिशा निर्देश और मानक प्रक्रिया तैयार कर इन्हें लागू करेगा।

मंत्रालय ने सोशल मीडिया और वेबसाइटों पर बाल पोर्नोग्राफी तथा महिलाओं के खिलाफ अपराधों से निपटने के लिए कुछ महीने पहले ही साइबरक्राइम डाट गोव डाट इन वेबसाइट लांच की थी। इस वेबसाइट पर की गयी शिकायतों के माध्यम से अब तक 26 प्राथमिकी दर्ज की गयी हैं। वेबसाइट को 2 लाख से ज्यादा लोगों ने देखा है।

मंत्रालय ने व्हाट्सएप, टि्वटर, गूगल और फेसबुक जैसी वेबसाइटों के प्रतिनिधियों के साथ इस मुद्दे पर कई दौर की बैठक की है और उनसे कहा है कि वे आपत्तिजनक पोस्ट को हटाने संबंधी शिकायतों का निपटरा 36 घंटे के अंदर करें। इन सभी  कंपनियों से साइबर अपराध से जुडी शिकायतों के समाधान के लिए भारत में अपना एक स्थायी प्रतिनिधि नियुक्त करने को भी कहा गया है।

इसके अलावा गृह मंत्रालय के कहने पर सभी राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों ने इस तरह के अपराधों की शिकायतों के बारे में नोडल अधिकारी नियुक्त किये हैं। सरकार साइबरक्राइम डाट गोव इन वेबसाइट पर शिकायत दर्ज कराने के लिए लोगों को जागरूक बनाने के उद्देश्य से रेडियो और टेलीविजन पर जागरूकता अभियान भी चला रही है।

-साभार, ईएनसी टाईम्स

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