उत्तर प्रदेश राज्य में अब कोई भी बेटी जन्म से पहले लिंग भेदभाव का शिकार नहीं होगी। योगी सरकार महिलाओं की सुरक्षा को लेकर काफी सख्त हो गई है। यूपी के स्वास्थ विभाग ने लिंगानुपात को सुधारने का जिम्मा ले लिया है और उसका फोकस गर्भवती महिलाओं पर है। सरकार ने शनिवार को ‘मुखबिर’ योजना लांच कर दी। इस योजना का शुभारंभ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किया। साथ ही सीएम ने 64 जिलों के लिए महिला हेल्पलाइन रेस्क्यू वैन को भी हरी झंडी दिखाई। इस योजना के तहत अब कन्या भ्रूण हत्या की जानकारी देने वाले को सरकार दो लाख रुपये का इनाम देगी। बता दें कि सरकार इस योजना के तहत ऐसे मुखबिरों को तैयार करेगी जो लिंग की पहचान व अवैध गर्भपात कराने वाले व्यक्तियों और संस्थाओं की गोपनीय सूचना जुटाएंगे और सरकार को सूचित करेंगे।
बता दें कि इस योजना की फंडिंग राष्ट्रीय स्वास्थ मिशन से होगी। सूचना के मुताबिक इस योजना में एक प्लान तैयार किया जाएगा जिसमें तीन लोग शामिल होंगे। तीनों द्वारा किए गए पड़ताल के बाद अगर कोई मामला प्रकाश में आएगा तो तीनों को उनके कार्यो के महत्वता के हिसाब से 2 लाख का इनाम बांट दिया जाएगा।
‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ’ योजना के तहत यूपी सरकार का यह कदम सराहनीय है। लखनऊ में इस योजना के शुभारंभ पर मुख्यमंत्री ने कहा कि समाज में भेदभाव के बावजूद आज बेटियां अच्छा कर रही हैं। हमें परिवार में बेटियों को बराबरी का दर्जा देना होगा। बता दें कि राज्य या केंद्र सरकार की सेवाओं में कार्यरत व्यक्तियों या गर्भवती महिलाओं को मुखबिर के तौर पर कार्यरत किया जाएगा। मुखबिर बनने के लिए राज्य स्तर पर सचिव चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, अध्यक्ष राज्य समुचित प्राधिकरण और जिला स्तर पर जिलाधिकारी या मुख्य चिकित्सा अधिकारी से संपर्क किया जा सकता है।