Farm Laws वापस लेने के केंद्र के फैसले पर बसपा प्रमुख और यूपी की पूर्व सीएम मायावती ने बीजेपी को आड़े हाथ लिया है। यूपी की पूर्व मुख्यमंत्री ने ट्वीट किया, ‘देश में तीव्र आन्दोलन के बाद तीन विवादित कृषि कानूनों की वापसी की केन्द्र सरकार की घोषणा का देर आए दुरुस्त आए यह कहकर स्वागत किया गया, किन्तु इसे चुनावी स्वार्थ व मजबूरी का फैसला बताकर भाजपा सरकार की नीयत पर भी शक किया जा रहा है। अतः इस बारे में कुछ और ठोस फैसले जरूरी हैं।’
किसानों पर दर्ज मामले वापिस ले सरकार
उन्होंने कहा, ‘इसके लिए किसानों की उपज का न्यूनतम समर्थन मूल्य सुनिश्चित करने के लिए नया कानून बनाना तथा देश की आन, बान व शान से जुड़े अति गम्भीर मामलों को छोड़कर आन्दोलित किसानों पर दर्ज बाकी सभी मुकदमों की वापसी आदि करना भी केन्द्र सुनिश्चित करे तो यह उचित होगा।’
कांग्रेस को भी लिया लपेटे में
मायावती ने कहा कि वैसे पूर्व में देश ने खासकर कांग्रेस पार्टी की श्रीमती इन्दिरा गांधी की रही सरकार के अहंकार एवं तानाशाही वाले रवैये आदि को काफी झेला है, किन्तु अब पूर्व की तरह वैसी स्थिति देश में दोबारा उत्पन्न नहीं हो, ऐसी देश को आशा है।
किसानों ने बुलाई मीटिंग
Farm Laws की वापसी के बाद आज सिंघु बॉर्डर पर संयुक्त किसान मोर्चे की बैठक होनी है। जानकारी के मुताबिक इस बैठक में सभी किसान नेता मिलकर आने वाले समय की रणनीति पर विचार करेंगे और उम्मीद की जा रही है कि शाम 6 बजे प्रेस कॉन्फ्रेंस करके बैठक की रणनीति साझा करेंगे कि बॉर्डर से हटना है या फिर नहीं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुक्रवार को राष्ट्र के नाम संबोधन में तीनों कृषि कानूनों की वापसी के एलान के बाद देशभर में किसान जमकर ख़ुशियां मना रहे हैं। कई जगहों पर किसान संगठनों ने मिठाई बांटकर अपनी ख़ुशी जाहिर की।
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