Madhya Pradesh में 25 नवंबर से ऊर्जा साक्षरता अभियान, Cabinet की बैठक में लिया गया फैसला

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Shivraj Singh
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Madhya Pradesh में आगामी 25 नवंबर से ऊर्जा साक्षरता अभियान चलाया जायेगा। मंगलवार को कैबिनेट (cabinet meeting Madhya Pradesh) की हुई बैठक में फैसला लिया गया। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chauhan) के अध्यक्षता में हुई बैठक में के बाद सरकार के प्रवक्ता नरोत्तम मिश्रा ने मीडिया को इसकी जानकारी दी।

अभियान का क्या है उद्देश्य?

अभियान के तहत लोगों को बिजली के अपव्यय को रोकने को लेकर जागरूक किया जाएगा। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान शाजापुर, आगर और नीमच जिलों में 25 नवंबर को केन्द्रीय ऊर्जा मंत्री के साथ मिलकर नवकरणीय ऊर्जा की 1500 मेगावाट वाली तीन अलग-अलग-अलग परियोजनाओं की आधारशिला भी रखेंगे।

पतालपानी रेलवे स्टेशन का नाम बदला जाएगा

नरोत्तम मिश्रा ने बताया कि जनजातीय समाज के महान योद्धा और भारत की आजादी में अहम योगदान देने वाले टंटया भील के नाम से पतालपानी रेलवे स्टेशन के नाम को रखे जाने के प्रस्ताव को भी कैबिनेट ने हरी झंडी दी। टंटया भील को लेकर मनाये जाने वाले आयोजन को मंजूरी मिलने की जानकारी भी मिश्रा ने मीडिया को दी।

मंत्रियों को दिए मुख्यमंत्री ने कई लक्ष्य

सरकार के प्रवक्ता मिश्रा ने यह भी बताया कि सुशासन के लिए मुख्यमंत्री श्री चौहान ने अपने काबीना सहयोगियों को अनेक लक्ष्य दिए हैं। इन लक्ष्यों में जनता से जुड़े सभी कामों की विभागवार समीक्षा करने, खाद और धान खरीदी की प्रभार एवं अपने-अपने जिलों में समीक्षा करने के साथ ही बुधवार से प्रदेश में आरंभ हो रहे कोरोना टीकाकरण अभियान पर नजर बनाये रखने और सहयोग करने के लिए भी मंत्रियों को मुख्यमंत्री ने निर्देशित किया है।

पंचायत अध्यादेश को मंजूरी दी गई

मिश्रा ने बताया कि मंत्रिमंडल ने ग्राम पंचायत राज संशोधन अध्यादेश 2021 का अनुमोदन भी किया। अध्यादेश के अनुमोदन के बाद त्रि-स्तरीय पंचायतों के चुनाव पूर्व के आरक्षण और अन्य व्यवस्थाओं की तरह ही प्रदेश में होंगे।

साइबर तहसीलों को हरी झंडी

शिवराज सिंह कैबिनेट ने राजस्व प्रकरणों के त्वरित निपटारों के लिए साइबर तहसीलों के गठन के प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी। मंजूरी के बाद मध्यप्रदेश, भारत का पहला ऐसा राज्य हो रहा है जहां साइबर तहसील होंगी। इन तहसीलों के अस्तित्व में आने के बाद किसी भी व्यक्ति भूमि विवादों अथवा इससे जुड़े कार्यों के लिए भौतिक तौर पर तहसील में उपस्थित नहीं होना पड़ेगा। देश और प्रदेश के किसी भी कोने से बैठकर वह अपने प्रकरण से जुड़े वाद की पैरवी कर सकेगा।

शिवराज कैबिनेट ने अवैध उत्खनन पर अंकुश को लेकर कठिनाई को दूर करने राजस्व और खनिज विभाग के जुर्माने में समरूपता के लिये उत्खनन से जुड़ी धारा 247 में संशोधन के प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी।

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