पहले वो समय था जब लोग सामानों को देख-सुनकर, जांच-परख कर खरीदते थे लेकिन अब जमाना बदल गया और अब लोग ऑनलाइन ही सामान खरीदने लगे हैं। ऐसे में कैसा लगेगा जब ऑनलाइन सामानों को खरीदने वाले ग्राहकों को पता चलेगा कि उन्होंने जो सामान खरीदा है वो नकली है। जी हां, भारतीय ऑनलाइन शॉपिंग वेबसाइट फ्लिपकार्ट पर एक जानी मानी अमेरिकी कंपनी के नकली जूते बेचने का मामला सामने आया है। इस कंपनी का नाम है स्केचर्स। इस बाबत अमेरिका के लाइफस्टाइल और फुटवेयर ब्रैंड स्केचर्स ने ई-कॉमर्श मार्केटप्लेस फ्लिपकार्ट और उसके प्लैटफॉर्म पर सामान बेचने वाले चार वेंडर्स के खिलाफ कथित तौर पर नकली सामान बेचने के लिए मुकदमा भी किया है।
बताया जा रहा है कि छापेमारी में 15 हजार जोड़ी नकली जूते पकड़े गए। दरअसल, अमेरिकी कंपनी स्केचर्स को जानकारी मिली थी कि फ्लिपकार्ट और उससे जुड़े चार अन्य सैलर्स नकली जूतों की बिक्री कर रहे हैं। इस तरह की बिक्री से कंपनी का नाम प्रभावित हो रहा है. स्केचर्स ने मामले की शिकायत दिल्ली हाईकोर्ट में की। कोर्ट ने मामले की छानबीन के लिए लोकल कमिश्नरों को नियुक्त किया। इसके बाद छापेमारी की गई। कोर्ट की तरफ से नियुक्त लोकल कमिश्नरों की मदद से स्केचर्स ने दिल्ली और अहमदाबाद में सात गोदामों पर नकली सामान पकड़ने के लिए छापे मारे। ये छापे रीटेल नेट, टेक कनेक्ट, यूनिकेम लॉजिस्टिक्स और मार्को वैगन पर मारे गए थे।
खबरों के मुताबिक कंपनी के प्रवक्ता ने कहा, “कंपनी अपने ब्रांड नाम की सुरक्षा और कॉपीराइट और बौद्धिक संपदा की सुरक्षा के लिए उचित कार्रवाई करेगी। फ्लिपकार्ट ऑनलाइन मार्केटप्लेस है, जो देश भर के ग्राहकों को सेलर्स से जोड़ती है। हम इंटरमीडियरी के तौर पर काम करते हैं। हम अपना बिजनेस ईमानदारी और कानून के मुताबिक करते हैं। हम इस मामले पर कोई टिप्पणी नहीं कर सकते क्योंकि मामला अदालत में है।” देश की सबसे बड़ी ई-कॉमर्स कंपनी ‘फ्लिपकार्ट अश्योर्ड’ मॉडल के जरिए अपने प्लैटफॉर्म पर बिकने वाले सामान के असली-नकली होने का पता लगाती है। उसके प्लैटफॉर्म पर एक लाख से अधिक सेलर्स रजिस्टर्ड हैं।