अभिनेता अक्षय कुमार बेअदबी और कोटकपूरा व बहिबलकलां गोलीकांड की जांच कर रही एसआइटी के सामने पेश होने चंडीगढ पहुंच गए है। वह एसआइटी के समक्ष पेश हुए और अभी उनसे पूछताछ चल रही है। इसके लिए एसआइटी ने उनको समन जारी किया था।

इससे पहले अक्षय कुमार ने मामले की जांच कर रहे पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों से फोन पर पेशी से छूट मांगी थी, लेकिन उनको निराशा हाथ लगी थी। ऐसे में अब उनका एसआइटी के समक्ष पेश होना जरूरी हो गया था। उन पर सुखबीर सिंह बादल और डेरा सच्‍चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम की मुंबई में अपने घर पर बैठक कराने का आरोप लगाया गया है।

अक्षय कुमार ने इस आरोप को गलत बताया है। उनका कहना है कि वह गुरमीत राम रहीम को जानते तक नहीं। सूत्रों के मुताबिक, अक्षय कुमार ने पहले वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों से कहा था कि वह पहले भी कह चुके हैं कि उनका डेरा सच्‍चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम से कोई संबंध नहीं रहा है। वह यह बात टि्वटर पर भी कह चुके हैं। चंडीगढ़ में भी पूछताछ में यही कहेंगे, इसलिए उन्हें पेश न होने की इजाजत दी जाए।

सूत्र बताते हैं कि पुलिस अधिकारियों ने अक्षय को दो टूक कह दिया कि उनसे पूछताछ एक कानूनी प्रक्रिया है और उन्हें पेश होना ही पड़ेगा। एसआइटी की एक प्रश्नावली होती है, जिसका जवाब उन्हें देना पड़ेगा। इसके बाद अक्षय कुमार ने कहा कि वह 21 नवंबर को एसआइटी के समक्ष पेश होंगे। सूत्रों का यह भी कहना है कि एसआइटी अक्षय कुमार से पांच प्रश्‍न करेगी।

अक्षय कुमार पर डेरा सच्चा सौदा के मुखी गुरमीत राम रहीम और शिअद प्रधान तथा पंजाब के पूर्व उप मुख्यमंत्री सुखबीर बादल के बीच मध्यस्थता कराने का आरोप है। आरोप लगाया गया है कि इसके लिए 100 करोड़ की डील हुई थी। जस्टिस रणजीत सिंह की रिपोर्ट के मुताबिक भी गुरमीत राम रहीम की फिल्म ‘मैसेंजर ऑफ गॉड’ को रिलीज कराने के लिए अक्षय कुमार के घर पर मीटिंग हुई थी।

एसआइटी ने इस मामले में समन जारी कर बॉलीवुड स्टार अक्षय कुमार को 21 नवंबर को अमृतसर पेश होने को कहा था। गौरतलब है कि इस मामले में पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल 16 नवंबर को और पूर्व उपमुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल 19 नवंबर को एसआइटी के सामने पेश होकर बयान दर्ज करवा चुके हैं।

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