भगत सिंह की वो अनसुनी बातें जो हर भारतीय के लिए जानना है जरूरी

भगत सिंह और उनके साथी सुखदेव और राजगुरु की शहादत से हर देशवासी स्वाधीनता के लिए छटपटाने लगा।

0
160
Bhagat Singh Birth Anniversary: भगत सिंह की वो अनसुनी बातें जो हर भारतीय के लिए जानना जरूरी
Bhagat Singh Birth Anniversary: भगत सिंह की वो अनसुनी बातें जो हर भारतीय के लिए जानना जरूरी

Bhagat Singh Birth Anniversary: भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन का जिक्र करे और भगत सिंह का नाम ना ले ऐसा हो ही नहीं सकता। वो एक मात्र ऐसे क्रांतिकारी हैं जो लोगों की सोच बदलने के बारे में सोचा करते थे। आज 28 सितंबर को देश, शहीदे-आजम भगत सिंह का 115वां जन्मदिन मना रहा है। 23 साल के नौजवान में भारत माता के लिए ऐसा प्रेम की उनके लिए हंसते-हंसते सूली पर चढ़ना, अंग्रेजों की गुलामी करने से बेहतर था। भगत सिंह और उनके साथी सुखदेव और राजगुरु की शहादत से हर देशवासी स्वाधीनता के लिए छटपटाने लगा। भगत सिंह में बचपन से ही देश भक्ति की भावना थी, लेकिन क्या ऐसा था उनमें जिससे वह एक वीर क्रांतिकारी बने। आइए बताते हैं आपको वो बातें जो हर भारतीय को जनानी चाहिए…

Bhagat Singh Birth Anniversary: भगत सिंह की वो अनसुनी बातें जो हर भारतीय के लिए जानना जरूरी
भगत सिंह

Bhagat Singh Birth Anniversary: किसान सिख परिवार में जन्म

भगत सिंह का जन्म 28 सितंबर 1907 को पंजाब के लयालपुर के बांगा (अब पाकिस्तान में) गांव के एक सिख परिवार में हुआ था। उनके पिता का नाम सरदार किशन सिंह और माता का नाम विद्यावती कौर था। पिता किशन सिंह अंग्रेज और उनकी शिक्षा को पहले से ही पसंद नहीं करते थे इसलिए बांगा में गांव के स्कूल में शुरूआती पढ़ाई के बाद भगत सिंह को लाहौर के दयानंद एंग्लो-वैदिक स्कूल में दाखिला दिलवा दिया गया। बाद में लाहौर के नेशनल कॉलेज में आगे की पढ़ाई उन्होंने की।

Bhagat Singh Birth Anniversary: क्रांतिकारी परिवार से थे भगत सिंह

भगत सिंह का परिवार उनके पैदा होने के पहले ही क्रांतिकारी गतिविधियों में शामिल था। खुद भगत सिंह के पिता और चाचा अजीत सिंह ने 1907 अंग्रेजों के कैनल कोलोनाइजेसन बिल खिलाफ आंदोलन में हिस्सा लिया था और बाद में 1914-1915 में गदर आंदोलन में भी भाग लिया था। इस तरह से बालक भगत को बचपन से ही घर में क्रांतिकारियों वाला माहौल मिला था।

Bhagat Singh Birth Anniversary: भगत सिंह की वो अनसुनी बातें जो हर भारतीय के लिए जानना जरूरी
भगत सिंह

Bhagat Singh Birth Anniversary: शादी क्यों नहीं करना चाहते थे भगत सिंह?

बता दें कि जब भगत सिंह के माता-पिता ने उनकी शादी करने की कोशिश की तो वह अपने घर से भाग गए। उन्होंने अपने माता-पिता से कहा कि अगर उन्होंने गुलाम भारत में शादी की, तो उनकी दुल्हन केवल मौत होगी। इसके बाद वह हिंदुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिकन एसोसिएशन में शामिल हो गए।

Bhagat Singh Birth Anniversary: लाला लाजपत राय की मौत का बदला लेने का था जज्बा

भगत सिंह ने अपने साथी सुखदेव के साथ मिलकर लाला लाजपत राय की मौत का बदला लेने की योजना बनाई और लाहौर में पुलिस अधीक्षक जेम्स स्कॉट को मारने की साजिश रची। हालांकि, वे स्‍कॉट को ठीक तरह से पहचान नहीं पाए और उन्‍होंने असिस्‍टेंट पुलिस अधीक्षक जॉन सॉन्डर्स को गोली मार दी।

Bhagat Singh Birth Anniversary: आजादी के लिए संगठन कि की स्थापना

मार्च 1926 में, उन्होंने भारत में ब्रिटिश शासन को जड़ से उखाड़ फेंकने के उद्देश्य से एक समाजवादी संगठन नौजवान भारत सभा की स्थापना की। 1927 में, उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया और उन पर 1926 में हुए लाहौर बमबारी मामले में शामिल होने का आरोप लगाया गया। उन्हें 5 सप्ताह के बाद रिहा कर दिया गया।

Bhagat Singh Birth Anniversary: भगत सिंह की वो अनसुनी बातें जो हर भारतीय के लिए जानना जरूरी
भगत सिंह

Bhagat Singh Birth Anniversary: महात्मा गांधी के विचारों से थे प्रेरित

बचपन में भगत सिंह महात्मा गांधी के दिए गए अंहिसा के आदर्शों के अनुयायी थे। मगर आगे चलकर उन्होंने अंग्रेजों से सीधी टक्कर लेने का इरादा कर लिया। जिसके चलते उनके महात्मा गांधी से वैचारिक मतभेद भी रहे।

भगत सिंह एक सिख परिवार में जन्में थे, लेकिन अपनी पहचान छुपाने और गिरफ्तार होने से बचने के लिए उन्होंने अपनी दाढ़ी मुड़वा ली और अपने बाल काट लिए। वह लाहौर से कलकत्ता भागने में सफल रहे।

बता दें कि भगत सिंह और उनके साथियों को 07 अक्टूबर 1930 को मौत की सजा सुनाई गयी। फांसी के लिए 24 मार्च का दिन तय किया गया था, लेकिन 23 मार्च की शाम 7:30 बजे ही उन्हें अंग्रेज अफसर फांसी के लिए ले गए थे। अगले दिन तीनों क्रांतिकारियों के शव मिले जिससे यह पूरी तरह स्पष्ट नहीं हो पाया कि उन्हें फांसी किस दिन दी गई।

यह भी पढ़ें:

क्यों ईश्वर को खारिज करने लगे थे भगत सिंह? यहां पढ़ें ‘मैं नास्तिक क्यों हूं?’ का सार

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here