Aarey Metro Shed प्रोजेक्ट के विरोध में उतरे राज ठाकरे के बेटे Amit Thackeray, कहा- नई सरकार का नया फैसला…

अमित ठाकरे ने कहा कि हमें निश्चित रूप से विकास की आवश्यकता है, लेकिन पर्यावरण की कीमत पर नहीं। अगर हमारा पर्यावरण पूरी तरह से नष्ट हो जाएगा तो फिर राजनीति या शासन करने के लिए कोई नहीं बचेगा।

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Amit Thackeray
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Amit Thackeray: महाराष्ट्र में सत्ता परिवर्तन के बाद नई सरकार ने मेट्रो शेड का निर्माण आरे इलाके में ही कराने का ऐलान किया है। एकनाथ शिंदे की सरकार ने आदेश जारी किया है कि मेट्रो शेड आरे कॉलोनी में शिफ्ट होगी। जिसे लेकर महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के चीफ राज ठाकरे के बेटे अमित ठाकरे ने एकनाथ शिंदे सरकार बनने के बाद उनके पहले ही फैसले सवाल उठाया है।

अमित ठाकरे मनसे की छात्र शाखा के अध्यक्ष भी है। अमित ठाकरे ने ट्वीट कर शिंदे सरकार से इस कदम पर पुनर्विचार करने की अपील की है। अमित ठाकरे ने ट्वीट कर लिखा कि नई सरकार का नया फैसला मेरे और असंख्य पर्यावरण कार्यकर्ताओं, पर्यावरण प्रेमियों के लिए चौंकाने वाला है। पहले ही राज्य के युवाओं ने इसे लेकर विरोध प्रदर्शन किया था। तब कुछ लोगों को जेल भी भेजा गया था।

Amit Thackeray
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Amit Thackeray ने कहा- विकास की आवश्यकता पर्यावरण की कीमत पर नहीं

उन्होंने अपने ट्वीट में आगे लिखा कि यह ठीक है कि विकास समय की जरूरत है लेकिन पर्यावरण की कीमत पर नहीं। हमें निश्चित रूप से विकास की आवश्यकता है, लेकिन पर्यावरण की कीमत पर नहीं। अगर हमारा पर्यावरण पूरी तरह से नष्ट हो जाएगा तो फिर राजनीति या शासन करने के लिए कोई नहीं बचेगा। राजनेताओं को इस पर ध्यान देना चाहिए। इसपर शिंदे सरकार को अक बार फिर विचार करना चाहिए। नए मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री से आरे मेट्रो कार शेड से संबंधित अपने फैसले पर पुनर्विचार करने का अनुरोध करता हूं।

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आदित्य ठाकरे ने भी किया ट्वीट

वहीं शिवसेना नेता आदित्य ठाकरे ने भी ट्वीट करते हुए कहा कि “क्योंकि मुझे आज राज्य विधानसभा की बैठक में भाग लेना है, मैं आरे वन और एमएमआरसीएल भूमि के लिए विरोध जारी विरोध प्रदर्शन में शामिल नहीं हो पाउंगा। मैं विनम्रतापूर्वक नई सरकार से अपने फैसले पर पुनर्विचार करने का आग्रह करता हूं। हमारे बीच नफरत मत डालो।”

क्या है मामला?

ये मेट्रो प्रोजेक्ट शिवसेना और बीजेपी के लिए लंबे वक्त से विवाद की वजह बन गई है। इससे पहले जब उद्धव ठाकरे सीएम बने थे, तो उन्होंने मेट्रो कार शेड पर रोक लगा दी थी। शिवसेना 2015 से इस प्रोजेक्ट को आरे कॉलोनी से हटाकर दूसरे स्थान पर ले जाने की मांग कर रहा थी। इस प्रोजेक्ट के खिलाफ बॉम्बे हाईकोर्ट में याचिकाएं दाखिल की गई थीं। लेकिन कोर्ट द्वारा पेड़ों को काटने का याचिका को खारिज कर दिया गया था और कटाई शुरू हो गई थी। बीएमसी ने मेट्रो अधिकारियों को 2,700 पेड़ गिरने की अनुमति दी थी। बता दें कि आरे मेट्रो शेड के विरोध में लोगों ने आज 11 बजे से प्रदर्शन का ऐलान किया है।

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