रिमझिम की मेहनत रंग लाई। छह साल की अनाथ बेटी रिमझिम ने गुरुवार को पिता की अंतिम इच्छा पूरी करने के लिए लखनऊ में सीएम योगी से मुलाकात कर उन्हें खड़ाऊं भेंट की। बता दें कि यह  खड़ाऊं बच्ची के पिता आनंद शर्मा ने अपने हाथों से तैयार की थी, लेकिन अपने जीवित रहते वह इसे सीएम तक नहीं पहुंचा सके थे। मृत्यु के पहले तक खड़ाऊं सीएम तक न पहुंचा पाने की पीड़ा उन्होंने अपनी छह साल की बच्ची रिमझिम से बांटी थी। पिता की मौत के कुछ समय बाद से ही मासूम रिमझिम यह खड़ाऊं सीएम तक पहुंचा पिता की अंतिम इच्छा को पूरा करने की कोशिश में जुट गई।’

माल गांव के सालेहनगर में रहने वाली रिमझिम के सिर से तीन साल पहले ही मां का साया उठ चुका था। बीते साल नवंबर माह में पिता की मृत्यु से वह बिल्कुल अकेली हो गई थी। बच्ची की खड़ाऊं देने की इच्छा की जानकारी के बाद मुख्यमंत्री योगी ने खुद बच्ची से मिलने की इच्छा जता उसे मुख्यमंत्री आवास पर बुलाया। गुरुवार को सीएम आवास पहुंची रिमझिम ने अपने नन्हे हाथों से पिता द्वारा पूरी श्रद्धा व लगन के साथ तैयार की गई खड़ाऊं मुख्यमंत्री योगी को सौंपी। इस मौके पर खुशी से दमकता बच्ची का चेहरा देख भावुक हुए सीएम योगी ने बच्ची को दुलारा।

उन्होंने अपने हाथों से इसे बनाया था। उनकी इच्छा थी कि वो इसे सीएम योगी को भेंट करें लेकिन नियति को कुछ और ही मंज़ूर था। आनंद शर्मा बिजली विभाग में ठेके पर काम करते थे। पिछले साल नवंबर महीने में बिजली के खम्भे में करंट लगने से उनकी मौत हो गई थी। रिमझिम जब तीन साल की थी, तब उसकी मां गुज़र गई थीं।

यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने रिमझिम को 5 लाख रूपये दिए जिसे बैंक में जमा करा दिया जाएगा। इससे मिलने वाला ब्याज उसकी पढ़ाई का ख़र्च होगा। रिमझिम का 5 लाख रूपये का बीमा भी कराने का फ़ैसला हुआ है। इससे पहले बिजली विभाग भी उसे पांच लाख रूपये की आर्थिक मदद देने का एलान कर चुकी है। योगी ने रिमझिम से इसकी पढ़ाई के बारे में पूछा। वो एक सरकारी स्कूल में पढ़ती है। योगी ने रिमझिम से इस बात की भी जानकारी ली कि उसे स्कूल बैग और किताबें मिली हैं या नहीं। बच्ची ने योगी को हिंदी में एक कविता भी सुनाई। लेकिन जब योगी ने उससे पूछा तुम बड़ी होकर क्या बनना चाहती हो, रिमझिम हंस कर रह गई।

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