Uttarakhand Election Result: उत्तराखंड विधानसभा चुनाव की मतगणना गुरुवार को चल रही है। शुरुआती सीटों के जो रूझान सामने आए हैं उसमें दिख रहा है कि बीजेपी राज्य में एक बार फिर अपनी सरकार बना सकती है। बता दें कि जब से उत्तराखंड का गठन हुआ है तब से कोई भी सरकार दोबारा सत्ता में नहीं आई है। लेकिन एक बार फिर बीजेपी अपनी सरकार बना लेती है तो वो ऐसे में इतिहास को बदल देगी। तो चलिए आपको बताते हैं कि ऐसे क्या कारण हो सकते हैं। जिसके चलते बीजेपी एक बार फिर उत्तराखंड की सत्ता में काबिज हो सकती है।
Uttarakhand Election Result: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का चेहरा
2014 के बाद से बीजेपी केंद्र के साथ-साथ सभी महत्वपूर्ण चुनाव पीएम मोदी के चेहरे पर लड़ती है। इसलिए हर चुनाव में पीएम मोदी प्रचार का मोर्चा खुद संभालते हैं। उत्तराखंड में बीजेपी की जीत के कारणों में पीएम मोदी की छवि भी हो सकती है। पिछले कुछ सालों में कई बार यह चीज भी सामने आई है कि किसी भी राज्य का चुनाव हो वहां कुछ ऐसे लोग जरूर होते हैं जो पीएम मोदी के नाम पर बीजेपी को वोट देते हैं। लोग स्थानीय विधायक से नाराज होते हैं लेकिन पीएम मोदी के चलते उनकों वोट करते हैं।
डबल इंजन की सरकार
पूरे देश में केंद्र सरकार की शौचालय, आवास, उज्ज्वला और आयुष्मान कार्ड जैसी योजनाओं से फायदा सबसे ज्यादा उस वर्ग का हुआ है जो पहले बीजेपी का कोर वोटर नहीं माना जाता था। लेकिन बुनियादी सुविधाओं के लिए ये वर्ग वर्षों से तरस रहे थे। जब उन्हें यह सब सुविधाएं मिली तो उन्होंने जाति के बंधन को तोड़ते हुए बीजेपी को वोट किया। उत्तराखंड में भी एक बार फिर भाजपा की सरकार बनवाने में यह महत्वपूर्ण फैक्टर हो सकता है।
बुनियादी ढांचे में सुधार
केंद्र सरकार के समर्थन से पिछले 5 सालों में राज्य सरकार ने उत्तराखंड की सड़कों की स्थिति में बहुत सुधार किया है। जिसके कारण लोगों के लिए यात्रा का सफर आसान हुआ है। साथ ही चार धाम परियोजना पर भी काम चल रहा है। बुनियादी ढांचे में सुधार भी एक कारण हो सकता है। जिससे बीजेपी एक बार फिर उत्तराखंड में सरकार बना सकती है।
बीजेपी ने कुमाऊं और गढ़वाल क्षेत्र में बनाया संंतुलन
पिछले 5 सालों में भारतीय जनता पार्टी ने तीन मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत, तीरथ सिंह रावत और पुष्कर सिंह धामी बनाए। तीरथ सिंह रावत और त्रिवेंद्र सिंह रावत गढ़वाल के क्षेत्र से आते हैं। वहीं पुष्कर सिंह धामी की बात करें तो वो कुमाऊं के हैं। इस प्रकार से पार्टी ने दोनों क्षेत्रों से आने वाले व्यक्ति को मुख्यमंत्री बनाया। जिसके कारण दोनों क्षेत्रों के लोगों ने भाजपा पर विश्वास जताया।
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