Keshav Prasad Maurya: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए पांचवें चरण में 12 जिलों की 61 विधानसभा सीटों पर 27 फरवरी को वोटिंग होनी है। इस चरण में 692 उम्मीदवार अपनी किस्मत आजमाने चुनावी मैदान में उतरे हैं। 5वें चरण में उत्तर प्रदेश के हॉट सीट सिराथू विधानसभा (Sirathu Vidhan Sabha) में कांटे की लड़ाई होने की उम्मीद है। इस हाई-प्रोफाइल सीट पर उत्तर प्रदेश के राजनीति के बड़े-बड़े सूरमा डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य (Keshav Prasad Maurya) को चुनौती दे रहे हैं, तो वहीं निर्दल प्रत्याशी भी चुनावी रण में ताल ठोक रहे हैं।
बता दें कि उत्तर प्रदेश के 403 विधानसभा क्षेत्रों में से एक सिराथू निर्वाचन क्षेत्र उत्तर प्रदेश के कौशाम्बी जिले के अंतर्गत आता है। पिछले यूपी विधानसभा चुनावों में, भारतीय जनता पार्टी ने सिराथू विधानसभा क्षेत्र जीता था। 2017 में, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की शीतला प्रसाद ने समाजवादी पार्टी (सपा) के वाचस्पति को 26203 मतों के अंतर से हराकर सीट जीती थी।
Keshav Prasad Maurya के सामने सपा की पल्लवी पटेल
वीआईपी सीट सिराथू से उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के खिलाफ समाजवादी पार्टी ने पल्लवी पटेल को मैदान में उतारा है। वहीं बसपा के मुंसब अली उस्मानी, कांग्रेस की सीमा देवी, बीएमपी के धीरज कुमार मौर्या, लोकदल के राजेन्द्र सोनकर जैसे दिग्गज चुनावी रण में उतर चुके हैं। केशव प्रसाद मौर्य ने 2012 के विधानसभा चुनाव में सिराथू विधानसभा सीट जीती थी। 2017 में, सिराथू सीट को 2017 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी उम्मीदवार शीतला प्रसाद ने बरकरार रखा था। मौर्य 2022 यूपी विधानसभा चुनाव में एक बार फिर अपने गृहनगर सिराथू से किस्मत आजमा रहे हैं।
सिराथू निर्वाचन क्षेत्र का जातीय समीकरण
गौरतलब है कि सिराथू विधानसभा में अनुसूचित जाति वर्ग के 45 फीसदी मतदाता हैं। पिछड़े वर्ग के 24 फीसदी मतदाता हैं। दशकों से सिराथू सीट पर हार जीत का फैसला अनुसूचित वर्ग के मतदाता करते आए हैं। चुनाव आयोग के आकड़े के मुताबिक, सिराथू में 3 लाख 65 हज़ार 153 कुल मतदाता है। जिसमें पुरुष मतदाता 1 लाख 95 हज़ार 660 और महिला मतदाता 1 लाख 69 हज़ार 492 हैं।
सिराथू विधानसभा क्षेत्र का राजनीतिक इतिहास
सिराथू विधानसभा क्षेत्र से पहली बार 1962 में कांग्रेस की हेमवती नंदन बहुगुणा ने जीत दर्ज की थी। 1967 में कांग्रेस के ही मंगला प्रसाद तीवारी सिराथू से विधायक बने। इसके बाद 1974 और 1977 में बैज नाथ कुशवाहा ने जीत दर्ज की। 1980 में जगदीश प्रसाद (कांग्रेस) यहां से जिते। 1985 में पुरुषोत्तम लाल (कांग्रेस) के विधायक बने। 1993 के बाद से बसपा के अलग-अलग नेताओं ने सिराथू विधानसभा सीट से लगातार 4 बार जीत दर्ज की, लेकिन 2012 में बसपा के विजय रथ को भारतीय जनता पार्टी के केशव प्रसाद मौर्य ने रोक दिया, और यहां से विधायक बने। हालांकि, 2014 में केशव प्रसाद मौर्य के लोकसभा चुनाव लड़ने के बाद सिराथू सीट खाली हो गया था। बाद में उप चुनाव में सपा के वचस्पति ने जीत दर्ज की।
कौन हैं Keshav Prasad Maurya?
भारतीय जनता पार्टी के सदस्य केशव प्रसाद मौर्य उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री हैं। उन्होंने इलाहाबाद जिले के फूलपुर संसदीय क्षेत्र से 2014 का भारतीय आम चुनाव लड़ा और यहां से जीत दर्ज की। मौर्या को उत्तर प्रदेश के भारतीय जनता पार्टी के प्रमुख के रूप में नियुक्त किया गया था। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सदस्य के रूप में उन्होंने राम जन्मभूमि आंदोलन में भी भाग लिया था। 1969 में इलाहाबाद से सटे कौशांबी जिले के सिराथू में जन्मे मौर्य ने इलाहाबाद में हिंदू साहित्य सम्मेलन में हिंदी साहित्य का अध्ययन किया है।
Keshav Prasad Maurya का राजनीतिक कैरियर
बता दें कि मौर्य कम उम्र से ही आरएसएस और विहिप-बजरंग दल से जुड़े हैं। वे नगर कार्यवाह और विहिप प्रांत संगठन मंत्री समेत अन्य पदों पर रहे हैं। गोरक्षा आंदोलनों में सक्रिय रहते हुए उन्होंने राम जन्मभूमि आंदोलन में भी भाग लिया। भाजपा में मौर्य पिछड़ा वर्ग प्रकोष्ठ और भाजपा किसान मोर्चा के क्षेत्रीय समन्वयक रहे हैं। उन्होंने 2002, 2007 और 2012 में विधानसभा चुनाव लड़े। 2014 में फूलपुर लोकसभा सीट से सांसद चुने जाने से पहले सिराथू विधानसभा क्षेत्र के मौजूदा विधायक थे। अप्रैल 2016 में, उन्हें उत्तर प्रदेश में भाजपा का प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया।
केशव प्रसाद मौर्य के नेतृत्व में भाजपा ने 2017 के उत्तर प्रदेश विधान सभा चुनाव में ऐतिहासिक जीत दर्ज की। चुनाव परिणाम आने के बाद, उन्हें मुख्यमंत्री पद का प्रबल दावेदार माना जा रहा था। हालांकि, बाद में योगी आदित्यनाथ को मुख्यमंत्री बनाया गया और इन्हें उप मुख्यमंत्री पद दिया गया। बताते चलें कि केशव प्रसाद मौर्य वर्ष 2012 में सिराथू विधानसभा क्षेत्र से भाजपा के पहले विधायक बने थे। यह पहली बार था जब सिराथू से भाजपा का कोई विधायक चुना गया था। करीब ढाई साल के बाद वे भाजपा से फूलपुर से सांसद बने। उन्हें लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी), खाद्य प्रसंस्करण, मनोरंजन कर और सार्वजनिक उद्यम विभाग जैसे मंत्रालय मिले हैं।
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