कक्षा 10 के छात्र अब पीरियडिक टेबल, लोकतंत्र और ऊर्जा के स्रोत के बारे में नहीं जान सकेंगे। यह इसलिए क्योंकि अब सरकार द्वारा जारी पाठ्यपुस्तकों से इन्हें हटाने का फैसला लिया गया है। बताया जा रहा है कि “छात्रों पर बोझ” को कम करने के लिए और “तर्कसंगतता” के चलते यह काम किया गया है।
मालूम हो कि इस साल की शुरुआत में 10वीं कक्षा के पाठ्यक्रम से थ्योरी ऑफ इवोल्यूशन को हटाने को लेकर काफी विवाद हुआ था। विज्ञान की पाठ्यपुस्तक से हटाए गए विषयों में पर्यावरणीय स्थिरता और ऊर्जा के स्रोत पर अध्याय भी शामिल हैं। नवीनतम संशोधन के बाद कक्षा 10 के छात्रों के लिए लोकतंत्र, लोकतंत्र की चुनौतियों और राजनीतिक दलों पर पूर्ण अध्याय भी हटा दिए गए हैं।
एनसीईआरटी का कहना है कि कोरोनोवायरस महामारी के चलते छात्रों पर भार कम करना अनिवार्य था। हालांकि छात्र अभी भी इन विषयों के बारे में सीख सकते हैं, लेकिन केवल तभी जब वे कक्षा 11 और कक्षा 12 में प्रासंगिक विषय चुनते हैं।
गौरतलब है कि कक्षा 10 तक विज्ञान अनिवार्य विषय के रूप में पढ़ाया जाता है। छात्र जो 11-12वीं में रसायन विज्ञान का अध्ययन करने का चुनाव करते हैं, वे पीरियडिक टेबल के बारे में जानेंगे।
आपको बता दें कि कैलिफोर्निया में स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी के एक विज्ञान-शिक्षा शोधकर्ता जोनाथन ओसबोर्न ने वैज्ञानिक पत्रिका नेचर को बताया कि पीरियडिक टेबल रसायनज्ञों की सबसे बड़ी बौद्धिक उपलब्धियों में से एक है।
इस साल की शुरुआत में, कक्षा 10 की विज्ञान की पाठ्यपुस्तक से थ्योरी ऑफ इवोल्यूशन को हटाने के लिए एनसीईआरटी की आलोचना हुई थी। 1,800 से अधिक वैज्ञानिकों और शिक्षकों ने चिंता व्यक्त करते हुए एक खुला पत्र लिखा था।