कैशलेस को बढ़ावा देने के लिए भारतीय रिर्जव बैंक(आरबीआई) एक नया फैसला ले सकती है। रिर्जव बैंक यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस(यूपीआई) को पेटीएम और मोबिक्विक जैसे डिजिटल वॉलेट्स के लिए खोलने जा रहा है। अब जल्द ही पेटीएम और मोबिक्विक जैसे डिजिटल वॉलेट्स में आपस में पैसों का लेनदेन किया जा सकेगा।

रिजर्व बैंक जल्द ही डिजिटल वॉलेट्स में ट्रांसफर और केवाईसी नियमों के लिए गाइडलाइन्स तय करेगा। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक आरबीआई यह भी तय करेगा कि यूपीआई फ्रेमवर्क से डिजिटल वॉलेट्स में ट्रांसफर की गई राशि पर कितनी फीस लगेगी।

सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, डिजिटल वॉलेट्स में लेन-देन संभव बनाने पर  आरबीआई गंभीरता से विचार कर रहा है और यह 2-3 महीनों में शुरू कर दिया जा जाएगा। एक बार यूपीआई के जरिए लेन-देन का प्लैटफॉर्म मिलने पर कोई भी डिजिटल वॉलेट्स यूजर्स किसी भी दूसरे पेमेंट वॉलेट कंपनी के साथ लेनदेन कर सकेगी। हालांकि अभी यह सेवा सिर्फ मोबिक्विक और पेटीएम के बीच ही लेनदेन पर मिल सकेगी। बाद में मोबिक्विक यूजर्स पेटीएम या फ्रीचार्ज यूजर्स को भी पेमेंट्स का लेनदेन कर सकेंगे।

मोबिक्विक के चीफ एग्जिक्युटिव बिपिन प्रीत सिंह ने कहा, “हमारी कंपनी दूसरे डिजिटल नेटवर्क के साथ मिल एक मजबूत फाइनैंशल सर्विसेज प्लैटफॉर्म डवलेप करना चाहेंगे।” मोबिक्विक के इस समय करीब 5 करोड़ ग्राहक हैं।

आरबीआई डेटा के मुताबिक, यूपीआई नेटवर्क से फरवरी महीने में 1900 करोड़ रुपये के 42 लाख ट्रांजैक्शंस हुए थे। डिजिटल वॉलेट्स से 8350 करोड़ रुपये के 2.6 करोड़ ट्रांजैक्शंस जनवरी में भी हुए थे। इन बढ़ती लेनदेन को देखते हुए ऐसा माना जा रहा है कि आरबीआई के इस फैसले से मोबाइल वॉलेट्स को और भी बेहतर इस्तेमाल किया जा सकेगा।

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