तालिबान सरकार (Taliban Government) बनाने की कोशिश में जुटा है लेकिन सत्ता की मलाई के लिए आपस में ही फूट पड़ गई है। तमाम गुट अपने-अपने हिसाब से सौदा करने में जुटे हैं। हक्कानी ग्रुप (Hakkani Group) और तालिबान इस्लामिक अमीरात (Islamic Amirat) में सत्ता के बंटवारे को लेकर मतभेद हैं। इसी वजह से सरकार के गठन में देरी हो रही है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, हक्कानी ग्रुप अफगानिस्तान (Afghanistan) की नई सरकार में किसी भी अन्य दल की एंट्री नहीं चाहता है। जबकि मुल्ला बरादर की अगुवाई में तालिबान की कोशिश है कि अफगानिस्तान के अलग-अलग तबकों को साथ लाया जाए और सरकार में शामिल किया जाए। इसी मुद्दे को लेकर दोनों गुटों में मतभेद हो रहा है। पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI के चीफ ने भी काबुल (Kabul) में डेरा डाल रखा है और मतभेद दूर कराने की कोशिश में जुटा है। हक्कानी ग्रुप और तालिबान के बीच सुलह का मामला ISI देख रही है।