समूचे भारत में कुलभूषण जाधव की मौत की सजा पर आक्रोश है, जगह-जगह पर नारे लगाए जा रहे हैं कि कुलभूषण जाधव को मौत से मुंह से निकाल कर लाना है। पाकिस्तान ने बिना सुनवाई के अंतर्राष्ट्रीय मानदंडो का पालन किए बगैर आर्मी कोर्ट मार्शल के तहत जाधव को सजा सुना दी। सदन में प्रमुखता से इस विषय पर चर्चा की गई और साथ ही कहा गया कि हर हाल में जाधव को बचाना है। जाधव पहला भारतीय नहीं है जिसके साथ पाकिस्तान ने यह बर्बरता की है, इससे पहले भी कई नागरिकों के साथ पाकिस्तान ऐसा रुख अपना चुका है। मई 2013 का सरबजीत सिंह मामला कोई नहीं भूल सकता जिसे 20 साल जेल में यातनाएं देने के बाद मौत के घाट उतार दिया गया था। भारत की सारी कोशिशें नाकाम साबित हो गई थी। ऐसे में यह सवाल उठता है कि भारत कुलभूषण को बचाने के लिए क्या रुख अपनाता है और सरकार अब कैसे कुलभूषण को बचाएगी?

इसी संवेदनशील मुद्दे पर चर्चा करने के लिए एपीएन के खास शो मुद्दा में विभिन्न क्षेत्रों से विशेषज्ञ शामिल हुए जिनमें डॉ हिलाल नकवी (प्रवक्ता, कांग्रेस), रुमाना सिद्दिकी (नेता, बीजेपी), गोविंद पंत राजू (सलाहकार संपादक, एपीएन), प्रफुल्ल बख्शी (रक्षा विशेषज्ञ), जे के त्रिपाठी (पूर्व राजनयिक) स्टूडियो में मौजूद थे। शो का संचालन एंकर हिंमाशु दीक्षित ने किया।

प्रफुल्ल बख्शी ने चर्चा में कहा कि पाकिस्तान ने पहले ही सोच लिया था कि उनको इस मसले पर कारवाई करनी है और वहां की फौज निर्णय ले रही है, सरकार को फैसला नहीं लेने दिया जा रहा है। पाकिस्तान ने कुलभूषण को ज्यूडिसिरी गारंटी सुविधाएं उपलब्ध नहीं कराई थी जिसके तहत कुलभूषण को अपना वकील चुनने का अधिकार है। पाकिस्तान ने किसी अतंर्राष्ट्रीय नियम का भी पालन नहीं किया। खैर अब भी रास्ते हैं जिनसे कुलभूषण को बचाया सकता है।

जे के त्रिपाठी ने कहा कि सारे प्रोटोकॉल्स को दरकिनार करते हुए पाक ने कुलभूषण को सजा दी है, काउंसिलर एक्सेस भी नहीं दिया गया, जिसमें अगर कोई जासूस भी पकड़ा जाता है तो एम्बेसी या हाईकमिशनर से मिलने की इजाज़त दी जाती है मगर पाकिस्तान ने ऐसा भी नहीं किया। जाधव को बचाने के रास्ते बताते हुए त्रिपाठी जी ने कहा कि यदि अंतर्राष्ट्रीय दबाव डाला जाए, मानवाधिकार आयोग में जाया जाए तो कुलभूषण को बचाया सकता है। उन्होंने बताया कि ईरान मान रहा है कि यह सजा गलत है, अमेरिका का भी यही मानना है। पाकिस्तान में स्थित जर्मनी के राजदूत का कहना है कि कुलभूषण को बलोचिस्तान से तालिबान ने गिरफ्तार किया और उसके बाद आईएसआई को बेच दिया और अब आईएसआई उनको टूल के तौर पर इस्तेमाल कर रहा है। खुद पाकिस्तान के विदेशी मामलों के सलाहकार सरताज अज़ीज ने मान लिया कि उनके पास पर्याप्त सबूत नहीं है फिर उसको सजा कैसे दी जा सकती है?

डॉ हिलाल नकवी ने कहा कि भारत की पूरी सरकार एक साथ खड़ी है, निश्चित तौर पर यह एक चिंता का विषय है। पूरा पाकिस्तान एक साथ मिलकर भारत के खिलाफ फैसला लेता है। लेकिन हमारी सरकार ने इस मसले पर चर्चा करने में समय लगा दिया है। कुलभूषण को पिछले साल गिरफ्तार किया था, तब ही ऊंचे स्तर पर बात की होती तो यहां तक की नौबत नहीं आती। खैर अब भी देर नहीं हुई है, अगर भारत अब भी गौर फरमाए तो कुलभूषण को बचाया जा सकता है।

रुमाना सिद्दिकी ने कहा कि यह मसला नहीं है कि पहले मुद्दा उठाया गया या नहीं, अब कुलभूषण को कैसे बचाया जाए, इसका प्रोसेस जारी है। सदन में इस बात पर चर्चा की जा रही है और दिग्गजों ने कहा है कि हर संभव प्रयास किया जाएगा और हर हाल में कुलभूषण को बचाया जाएगा। सदन में हो रही बातें हवाहवाई नहीं है।

गोविंद पंत राजू ने कहा कि अब वक्त आ गया है, सरकार वो सारे प्रयास करे जिससे कि कुलभूषण को बचाया जा सका, किसी भी सूरत में भारत के नागरिक को न्याय मिलना चाहिए। अगर एक और बेगुनाह भारतीय नागरिक को सजा दी गई तो भारत के लिए शर्मनाक होगा। जब इस मुद्दे का पाक ने वीडियो जारी किया था तो भारत ने खंडन किया था और कहा था कि वीडियो फेक है। दिसंबर में सरताज अज़ीज ने खुद कहा कि कुलभूषण को सजा नहीं दी जा सकती फिर भी पाकिस्तान ने अपने पैंतरे बदल लिए और उसको मौत की सजा सुना दी। भारत हमेशा मानवीय रवैया अपनाता है वहीं पाकिस्तान गैर-लोकतांत्रिक देश है जिसका रवैया हमेशा ही अमानवीय होता है। लेकिन भारत इस बार हरसंभव प्रयास करके कुलभूषण को बचा कर लाएगा।

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