Biodiversity Parks: दिल्ली में पर्यावरण संरक्षण और इको फ्रेंडली माहौल विकसित करने के मकसद से डीडीए ने बायोडाइवर्सिटी पार्क तैयार किए हैं। दिल्ली विकास प्राधिकरण की तरफ से जब इन पार्कों का निर्माण किया गया, तब पर्यावरण संरक्षण को तेज करना था। यही वजह है कि अब पारिस्थितिकीय तंत्र को मजबूत करने के मकसद से तैयार किए गए इन बायोडाइवर्सिटी पार्क के नतीजे भी सामने आने लगे हैं।
जहां एक तरफ इन पार्कों में हरियाली का दायरा बढ़ा है, वहीं दूसरी तरफ यहां वन्यजीव पहले के मुकाबले ज्यादा दिखने लगे हैं।7 पार्कों में 10 से 16 अक्टूबर तक तितली गणना का कार्यक्रम संचालित किया गया। इस दौरान सुबह 10 से 12 बजे के बीच अलग-अलग टीमों द्वारा तितलियों का रिकॉर्ड दर्ज किया गया।

Biodiversity Parks: अरावली बायोडाइवर्सिटी पार्क में सर्वाधिक प्रजातियां

Biodiversity Parks: जानकारी के अनुसार डीडीए के 7 बायोडाइवर्सिटी पार्क में गणना कार्यक्रम के दौरान इस बात का खुलासा हुआ है।पिछले बार की तुलना में इस बार 5 प्रजातियां ज्यादा रिकॉर्ड की गईं हैं।पिछले वर्ष 7 पार्कों में कुल 71 प्रजाति की तितलियां देखी गईं। इनमें अरावली बायोडाइवर्सिटी पार्क में सर्वाधिक 68 प्रजातियों का रिकॉर्ड दर्ज किया गया।
यमुना बायोडाइवर्सिटी पार्क | 47 |
अरावली बायोडाइवर्सिटी पार्क | 68 |
नीला हौज | 28 |
नॉर्दन रिज | 59 |
तिलपत वैली | 41 |
तुगलकाबाद बायोडाइवर्सिटी पार्क | 37 |
कालिंदी बायोडाइवर्सिटी पार्क | 12 |
Biodiversity Parks: इन प्रजातियों की तितलियां अधिक

Biodiversity Parks:तितली गणना कार्यक्रम के दौरान मोटल्ड ईमीग्रेंट,कॉमन ईमीग्रेंट, प्लेन टाइगर, येलो ऑरेंज टिप, कॉमन ग्रास येलो,स्मॉल ग्रास येलो, लेमन पैंजी, लाइम बटरफ्लाई, कॉमन गल आदि प्रमुख आदि प्रमुख प्रजातियां मिलीं।
वैज्ञानिकों के मुताबिक तितलियों की गणना बेहद जरूरी होती है। दरअसल ये बहुत से पेड़-पौधों का परागण करतीं हैं। पौधों का जीवनचक्र उनके ऊपर निर्भर रहता है। इसलिए इनकी बढ़ती संख्या अच्छे पर्यावरण का संकेतक मानी जाती है।
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