प्रेगनेंसी (Pregnancy) के दौरान गर्भवती महिलाओं को अपने आहार का खास ख्याल रखना होता है। जिससे जच्चा-बच्चा दोनों ही हृष्ट-पुष्ट रह सकें। लेकिन गर्भवती महिलाओं के साथ अक्सर ये समस्या रहती हैं कि वे गर्भावस्था में क्या खाएं और क्या ना खाएं, किन पौष्टिक आहार का सेवन करें, आहार में कौन से आवश्यक विटामिन होने चाहिए, किन आहार के सेवन से गर्भवती को बचना चाहिए, आयुर्वेदिक आहार, गर्भावस्था में फोलिक एसिड की आवश्यकता आदि। आइए जानते हैं गर्भावस्था के दौरान डाइट से जुड़ी वो जरूरी बातें, जिन्हें नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।

गर्भावस्था के जरूरी न्यूट्रिएंट्स
अमेरिकन कॉलेज ऑफ ओब्स्टेट्रिशियन एंड गायनेकोलॉजिस्ट (ACOG) के अनुसार, एक गर्भवती महिला को अधिक कैल्शियम, फोलिक एसिड, आयरन और प्रोटीन की जरूरत होती है। वो इसलिए क्योंकि ये प्रीनेटल विटामिन की तरह काम करते हैं।
फोलिक एसिड (Folic acid)
फोलिक एसिड, फोलेट के रूप में भी जाना जाता है, जो कि विटामिन-बी का ही एक प्रकार है। ये पोषक तत्व कई तरह के खाद्य पदार्थों में पाया जाता है, जो बच्चे के मस्तिष्क और रीढ़ की हड्डी में जन्म दोषों को रोकने में मदद करता है। अकेले आहार की मदद से ही फोलिक एसिड को नहीं पाया जा सकता।
ऐसे में डॉक्टर आपको फोलिक एसिड से भरपूर सप्लीमेंट्स के सेवन करने का सुझाव दे सकता है। इसके अलावा आप अपनी डाइट कुछ ऐसा चीजों को शामिल करें, जो कि आपके शरीर में 600 माइक्रोग्राम तक फोलिक एसिड की मात्रा को पूरी करे।
आप अपनी डाइट में इन खाद्य पदार्थों को शामिल कर सकते हैं। जैसे कि पत्तेदार हरी सब्जियां, साबुत अनाज, सेम, खट्टे फल, एवोकैडो, ब्रोकली, पपीता शामिल करें।

कैल्शियम
इस खनिज का उपयोग बच्चे की हड्डियों और दांतों को बनाने के लिए किया जाता है। अगर एक गर्भवती महिला पर्याप्त कैल्शियम का उपभोग नहीं करती है, तो बच्चा ये खनिज मां के कैल्शियम से लेने लगता है, जिससे मां और बच्चे दोनों को एक वक्त के बाद कैल्शियम की कमी महसूस हो सकती है। कई डेयरी उत्पादों को भी विटामिन डी के साथ फोर्टिफाइड किया जाता है, जो कि बच्चे के हड्डियों और दांतों को विकसित करने के लिए कैल्शियम के साथ काम करता है।
गर्भवती महिलाओं में 1,000 मिलीग्राम कैल्शियम की आवश्यकता होती है। इसलिए कैल्शियम के लिए इन खाद्य पदार्थों को डाइट में शामिल करें। जैसे कि दूध, दही, पनीर, कैल्शियम-फोर्टिफाइड जूस और खाद्य पदार्थ, पत्तेदार साग, खट्टे फल का सेवन करें।

आयरन (Iron)
गर्भवती महिलाओं को एक दिन में 27 मिलीग्राम आयरन की जरूरत होती है, जो कि उन महिलाओं की जरूरत से दोगुनी होती है, जो कि प्रेग्नेंट नहीं होती हैं। बच्चे को ऑक्सीजन की आपूर्ति के लिए अधिक खून बनाने के लिए इस खनिज की अतिरिक्त मात्रा की आवश्यकता होती है। गर्भावस्था के दौरान बहुत कम आयरन प्राप्त करने से एनीमिया हो सकता है, जिसके परिणामस्वरूप थकान और संक्रमण का खतरा बढ़ सकता है।
आयरन के अवशोषण को बढ़ाने के लिए, भोजन में विटामिन सी (Vitmain C) से भरपूर खाद्य पदार्थों को भी शामिल करें। इसके अलावा आप आयरन से भरपूर अन्य खाद्य पदार्थों को भी डाइट में शामिल कर सकते हैं। जैसे कि मांस, मुर्गी, मछली, सूखे सेम और मटर का सेवन करें।

प्रोटीन (Protein)
गर्भावस्था के दौरान अधिक प्रोटीन की आवश्यकता होती है, लेकिन ज्यादातर महिलाओं को अपने आहार में पर्याप्त प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थ नहीं मिल पाता है। यह बच्चे के लिए महत्वपूर्ण अंगों मस्तिष्क और हृदय का निर्माण करने में मदद करता है।
प्रोटीन को डाइट में शामिल करने के लिए इन खाद्य पदार्थों को खाने में शामिल करें। जैसे कि मांस, अंडे, नट, टोफू।

प्रेग्नेंसी में जरूर खाएं ये फूड्स-
सब्जियों में गाजर, शकरकंद, कद्दू, पालक, साग, टमाटर, लाल मिर्च, आलू खाएं।
फलों में आम, प्रून, केले, खुबानी, संतरे, अंगूर का जरूर सेवन करें।
डेयरी उत्पाद में वसा रहित या कम वसा वाली दही, स्किम दूध, सोया मिल्क, पनीर, फलियां, दाल, मटर, बीन्स, छोले, सोयाबीन, मूंगफली का सेवन करें।
ड्राई फ्रूट्स
ड्राई फ्रूट्स में आम तौर पर कैलोरी, फाइबर और विभिन्न विटामिन और खनिज की मात्रा अधिक होती है। इन्हें खा कर विटामिन और खनिजों को अच्छी तरह से सेवन कर सकते हैं, जिसमें फोलेट, ऑयरन, और पोटेशियम शामिल हैं साथ ही कुछ ड्राई फ्रूट्स फाइबर, पोटेशियम और विटामिन के से भरपूर होते हैं। जैसे खजूर और बादाम। आप ड्राई फ्रूट्स को फूड क्रेविंग्स को मिटाने के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं।

प्रेग्नेंसी में हेल्दी स्नैक्स
प्रेग्नेंसी में आपको बीच-बीच में कुछ न कुछ खाने की आदत रखनी चाहिए। आपको भोजन के बीच भूख लगती है, तो ऐसे स्नैक्स न खाएं जिसमें फैट और चीनी की मात्रा अधिक हो। इसके अलावा आप इन चीजों को स्नैक्स के रूप में खा सकते हैं।
पनीर, ग्रिल्ड चिकन, सैल्मन या सार्डिन और सलाद से भरा सैंडविच, सलाद, फ्रूट चार्ट, लो फैट वाली दही, खुबानी और, अंजीर, सब्जी और सेम सूप, दलिया, फलों का रस, ताजे फल, टोस्ट या बेक्ड आलू पर बेक्ड बीन्स का सेवन कर सकते हैं।

खूब पानी पिएं
प्रेग्नेंसी के दौरान हाइड्रेटेड रहना बहुत जरूरी है। दरअसल, गर्भावस्था के दौरान, ब्लड की मात्रा लगभग 45 प्रतिशत बढ़ जाती है। आपका शरीर आपके बच्चे को भी हाइड्रेटेड रखता है इसलिए जरूरी है कि गर्भवती मां खूब पानी पिएं। पानी का सेवन बढ़ाने से कब्ज से छुटकारा पाने में मदद मिल सकती है और आपके मूत्र पथ के संक्रमण (UTI Infection) के जोखिम को कम कर सकती है, जो गर्भावस्था के दौरान आम हैं।

गर्भवती महिलाओं को रोजाना पहले से अधिक पानी का सेवन करना चाहिए। ध्यान रखें कि आपको अन्य खाद्य पदार्थों और पेय पदार्थों से भी पानी मिल सकता है, तो आप उनका भी सेवन कर सकते हैं। जैसे कि फल, सब्जियां, कॉफी और चाय।

गर्भावस्था के दौरान इन खाद्य पदार्थों को न खाएं
-अस्वास्थ्यकर दूध और अनपेचुरेटेड दूध से बने खाद्य पदार्थ को लेने से बचें
-हॉट डॉग और ज्यादा मीट न खाएं
-कच्चा और अधपका समुद्री भोजन, अंडे और मांस खाने से बचें
-हाई फैट वाली चीजों को खाने से बचें
-बाहरी चीजों को खाने से बचें
-ज्यादा चीनी और नमक खाने से बचें
-कोक और सोडा के सेवन से बचें
-पुरानी और पैक्ड चीजों को खाने से बचें
– शराब के सेवन से बचें
-स्मोकिंग न करें

गर्भावस्था के दौरान अच्छा पोषण और पर्याप्त पोषण मां और बच्चा दोनों के लिए जरूरी है। हालांकि, गर्भावस्था के पहले कुछ महीनों के दौरान मतली और उल्टी खाने-पीने को मुश्किल बना सकती है। ऐसे में अच्छी तरह से संतुलित आहार खाने और प्रसवपूर्व विटामिन लेने की कोशिश करें। इसके अलावा कुछ भी खाने और पकाने से पहले कुछ बातों का ध्यान रखें कि-
-जो भी खाएं धो और साफ करके खाएं
-चीजों को अच्छी तरह से पका कर खाएं
-हाथ की साफ-सफाई का भी ध्यान रखें
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