Russia Ukraine War: यूक्रेन पर संभावित रूसी आक्रमण को लेकर वहां तनाव की स्थिति बनी हुई है। रूस के राष्ट्रपति Vladimir Putin ने जंग का एलान कर दिया है। इतना ही नहीं पुतिन ने कहा है कि अगर कोई जंग में आएगा तो परिणाम और भी खतरनाक होगा।
यूक्रेन और रूस के बीच अब युद्ध की शुरुआत हो चुकी है। हाल ही के दिनों में आप ने इन दोनों देशों के बारे में बहुत सी खबरें सुन रहे होंगे। लेकिन क्या आपको पता है कि रूस-यूक्रेन संघर्ष की पृष्ठभूमि क्या है? क्यों इन दोनों देशों के बीच युद्ध जैसी स्थिति बन गई है? रूस क्या चाहता है? रूस के आक्रामक होने का कारण क्या है? अमेरिका किसके साथ है? तो चलिए इन सभी सवालों का जवाब आज हम आपको बताते हैं।
Russia – Ukraine Conflict की पृष्ठभूमि
Soviet Union के विघटन (Disintegration) के बाद 1991 में यूक्रेन को स्वतंत्रता मिली थी। 1991 तक यूक्रेन सोवियत संघ का सदस्य था लेकिन जब वो विघटित हो गया तब से रूस ने यूक्रेन को अपने क्षेत्र में रखने की कोशिश की है। 2014 में यूक्रेन के औद्योगिक गढ़ डोनेट्स्क बेसिन में एक अलगाववादी विद्रोह शुरू हुआ था। जिसके बाद क्रीमिया में कब्जे करके रूस ने समुद्री लाभ प्राप्त किया था और उसी के बाद से अमेरिका और यूरोपीय संघ दोनों ने यूक्रेन की सीमाओं की रक्षा करने की बात कही थी।
Russia Ukraine War: रूस के लिए क्यों है महत्व यूक्रेन
- यूक्रेन और रूस ने सैकड़ों वर्षों से अपने सांस्कृतिक और भाषाई संबंध साझा किए हैं।
- रूस के बाद यूक्रेन सोवियत संघ का सबसे शक्तिशाली देश था।
- यूक्रेन कमर्शियल इंडस्ट्रीज, फैक्ट्री डिफेंस और मैन्युफैक्चरिंग का केंद्र रहा है।
- यूक्रेन रूस को Black Sea तक पहुंच और Mediterranean Sea के लिए भी महत्वपूर्ण संपर्क प्रदान करता है।
Russia Ukraine War: रूस के आक्रमण होने के कारण
आर्थिक कारण: रूस ने यूक्रेन के आर्थिक महत्व को समझते हुए यूरेशियन आर्थिक समुदाय (EAEC) में यूक्रेन की सदस्यता मांगी थी। अपने विशाल बाजार, उन्नत कृषि और औद्योगिक उत्पादन के साथ यूक्रेन एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता था। लेकिन यूक्रेन ने समझौते में शामिल होने से इनकार कर दिया था। बता दें कि EAEC एक मुक्त व्यापार समझौता है जो 2015 में अस्तित्व में आया है।
भू-राजनीतिक कारण: रूस ने दावा किया है कि NATO द्वारा पूर्व की ओर विस्तार किया गया है जिससे उसके हितों को खतरा पैदा हुआ है और इसी कारण उसने नाटो से लिखित सुरक्षा गारंटी मांगी है। साथ ही एक कारण यह भी है कि अमेरिका के नेतृत्व में नाटो ने रूस की मिसाइलों का मुकाबला करने के लिए पोलैंड और चेक गणराज्य जैसे देशों में मिसाइल रक्षा प्रणाली स्थापित करने की योजना बनाई है। बता दें कि नाटो अट्ठाईस यूरोपीय और दो उत्तरी अमेरिकी देशों का एक सैन्य गठबंधन है जो सामूहिक रक्षा प्रणाली का गठन करता है।
Russia Ukraine War: रूस की मांग
रूस ने नाटो के आगे विस्तार पर प्रतिबंध लगाने की मांग की है जिसमें यूक्रेन और जॉर्जिया जैसे देश शामिल हैं जो रूस की सीमाओं को साझा करते हैं। साथ ही रूस ने नाटो से अपनी सैन्य तैनाती वापस लेने और सीमावर्ती क्षेत्रों में मध्यम दूरी की मिसाइलों की तैनाती पर रोक लगाने के लिए कहा है। इसके अलावा, रूस ने नाटो से यूक्रेन और अन्य पूर्व सोवियत गणराज्यों को सैन्य सहयोग देने से मना किया है।
Russia Ukraine War: पश्चिम से प्रतिक्रिया
अमेरिका ने नाटो की “ओपन-डोर पॉलिसी” को बदलने से इंकार कर दिया है, जिसका अर्थ है कि नाटो में अधिक सदस्यों को शामिल करना जारी रखेगा। साथ ही अमेरिका ने यह भी कहा है कि वो यूक्रेन को प्रशिक्षण और हथियार देना जारी रखेगा।
बता दें कि अमेरिका रूस को यूक्रेन पर आक्रमण करने की स्थिति पर नए economic sanctions लगाने की धमकी देता रहता है। वहीं जर्मनी ने रूस को यह भी चेतावनी दी है कि अगर रूस ने यूक्रेन पर आक्रमण किया तो नॉर्ड स्ट्रीम 2 पाइपलाइन को रोक दिया जाएगा।
Russia Ukraine War: यूक्रेन नाटो में क्यों नहीं हुआ शामिल?
हालांकि यूक्रेन नाटो का सदस्य नहीं है लेकिन 1997 में अपनी स्थापना के बाद से वो NATO के बेहद करीब रहा है। यूक्रेन के राष्ट्रपति विक्टर यानुकोविच ने देश को नाटो में इसलिए शामिल नहीं होने दिया था क्योंकि वो देश को गुटनिरपेक्ष रखना चाहते थे।
क्या क्रीमिया रूस का हिस्सा है?
दुनिया के ज्यादातर लोग Crimea को यूक्रेन का हिस्सा मानते हैं। भौगोलिक रूप से, यह Black Sea में एक प्रायद्वीप है। 2014 में रूस ने क्रीमिया पर आक्रमण कर उस पर कब्जा कर लिया था जो कि यूक्रेन का एक हिस्सा था।
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